भारतीय नौसेना में एक अकुला दो श्रेणी की परमाणु पनडुब्बी ‘आईएनएस चक्र’ :जिसे पूर्व में के..152 नेरपा के तौर पर जाना जाता था: पहले से काम कर रही है। इसे रूस ने 10 वर्ष की लीज पर दिया था और इसे चार अप्रैल 2012 को सेवा में शामिल किया गया था। भारत दूसरी परमाणु पनडुब्बी लीज पर लेने का इच्छुक था।
भारतीय रक्षा सूत्रों ने बताया कि रूस ने परमाणु पनडुब्बी की लीज को चार स्टील्थ पोतों के समझौते से जोड़ दिया था।
गोवा में भारत और रूस ने तीन अरब डालर से अधिक के पोत सौदे की घोषणा की। समझौते के तहत दो स्टील्थ पोतों का निर्माण रूस में होगा जबकि दो का निर्माण भारत में लाइसेंस उत्पादन के तहत होगा।
अकुला दो श्रेणी की पनडुब्बी यद्यपि विश्व की तेजी से हमले वाली परमाणु चालित नवीनतम श्रेणी की पनडुब्बियों में नहीं हैं लेकिन इसे सबसे उन्नत पनडुब्बियों में से एक माना जाता है।
पानी के भीतर 35 नॉट तक :करीब 65 किलोमीटर प्रतिघंटा: की गति से चलने में सक्षम यह पनडुब्बी सबसे शांत पनडुब्बियों में से एक है।