भारत के इस कदम से थर्राया चीन, अग्नि-5 मिसाइल का टेस्ट रहा सफल को कब्जे में होगा पूरा चीन!

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अग्नि-5 की पांच खास बातें

  1. एक कनस्तर प्रक्षेपण प्रणाली से सेना बैलिस्टिक मिसाइल परिवहन तेजी से कर सकेगी और उसे अपनी पसंद की जगह से इसे लॉन्‍च करने में अधिक आसानी होगी।
  2. अग्नि पांच मिसाइल को यदि वास्तविक नियंत्रण रेखा के बेहद करीब से छोड़ा जाए, तो यह चीन के उत्तरी भाग तक प्रहार करने में सक्षम हो जाएगी।
  3. अग्नि पांच को सेना में शामिल करने में अभी कुछ वर्ष का समय लगेगा। सशस्त्र बलों में पहले से ही पाकिस्तान के लिए बनाई गई अग्नि-प्रथम (700 किमी) और अग्नि-द्वितीय (2,000 किलोमीटर से अधिक) और 3000 किमी तक मार करने वाली अग्नि तृतीय मिसाइल पहले ही शामिल की जा चुकी हैं।
  4. इससे पहले जनवरी 2015 में ओडिशा तट के पास व्हीलर द्वीप से भारत की इस सबसे ताकतवर सामरिक मिसाइल का परीक्षण किया गया था। यह मिसाइल पांच हजार किमी से अधिक दूरी तक मार करने में सक्षम है।
  5. 50 टन वाली यह देश की पहली अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसका कैनिस्‍टर संस्करण में पहली बार परीक्षण किया गया। तीन चरणों वाली इस मिसाइल की यह तीसरी टेस्‍ट फायरिंग थी।
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अगले स्लाइड में पढ़ें – कितना अहम है भारत के लिए अग्नि-5, सफल परीक्षण से क्या मिलेगा लाभ

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