भारत के इस कदम से थर्राया चीन, अग्नि-5 मिसाइल का टेस्ट रहा सफल को कब्जे में होगा पूरा चीन!

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पड़ोसियों पर नजर
एसएफसी ने छोटी रेंज के पृथ्वी और धनुष मिसाइलों के अलावा अग्नि-I, अग्नि-II, अग्नि-III मिसाइल को सेना में शामिल किया है। इन मिसाइलों का मुख्य मकसद पाकिस्तान की ओर से किसी भी गलत हरकत का माकूल जवाब देना है। वहीं, अग्नि-IV और अग्नि-V जैसे मिसाइल चीन के खिलाफ रणनीतिक बढ़त हासिल करने में मददगार हैं।

कूटनीतिक बढ़त पर भी नजर
हालांकि, भारत अपनी ओर से रणनीतिक संयम भी दिखाना चाहता है क्योंकि उसकी नजर 48 देशों की सदस्यता वाले न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (NSG) का हिस्सा बनने पर है। भारत के एनएसजी का सदस्य बनने की राह में चीन ने रोड़ा अटकाया था। हालांकि, भारत को उस वक्त एक बड़ी कामयाबी मिली, जब उसे 34 देशों वाले मिसाइल टेक्नॉलजी कंट्रोल रेजिम का हिस्सेदार बनाया गया। इसके अलावा, हाल ही में जापान के साथ भारत ने सिविल न्यूक्लियर अग्रीमेंट भी किया है।

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कितनी अहम है ये मिसाइल ?

एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, 48 देशों के एनएसजी में शामिल होने के लिए भारत के लिए कुछ रणनीति बनानी होगी। ये टेस्ट इसी का हिस्सा हो सकता है। बता दें कि चीन इस साल भारत की एनएसजी में मेंबरशिप का विरोध कर चुका है। हालांकि, इसके बावजूद भारत 34 देशों के मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (MTCR) में एंट्री पाने में कामयाब रहा। यही नहीं, हाल ही में भारत ने जापान के साथ भी न्यूक्लियर एग्रीमेंट किया है। अफसरों की मानें तो अग्नि-V के टेस्ट के लिए कुछ टेक्नीकल चीजें मसलन इंटरनल बैटरी और इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फिगरेशन बाकी रह गया है, जिसे पूरा कर लिया जाएगा।

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