नई दिल्ली। भारत ने पड़ोसी देश पाकिस्तान के जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर बातचीत के न्योते को ठुकरा दिया है। इस संबंध में इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायुक्त के अधिकारियों ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को एक पत्र के जरिए भारत का जवाब दिया है। भारत ने साफ कर दिया है कि सिर्फ आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान से बातचीत होगी। चिट्ठी में भारत ने कहा कि सीमापार आतंकवाद पर बातचीत के लिए भारत तैयार है।
भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को साफ कहा है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और यह भारत का आंतरिक मामला है।
दो दिन पहले पाकिस्तान के विदेश सचिव एजाज चौधरी ने भारतीय विदेश सचिव को पाकिस्तान आने का न्योता दिया था। इस पत्र में पाकिस्तान ने कहा था कि दोनों देशों पर अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी है कि जम्मू और कश्मीर के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के मुताबिक हल किया जाए।
पाकिस्तान का यह न्योता गृहमंत्री राजनाथ सिंह के संसद में दिए उस बयान के बाद आया जिसमें राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत केवल पाक अधिकृत कश्मीर के मुद्दे पर बातचीत के लिए तैयार है, जम्मू-कश्मीर पर इस्लामाबाद से बाचतीत का प्रश्न ही पैदा नहीं होता।
सोमवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश नीति में बड़े बदलाव का संकेत देते हुए लाल किले से अपने भाषण में पाकिस्तान के बलूचिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में हो रहे लोगों के दमन का मुद्दा उठाया था। पीएम मोदी ने कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर और बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सुरक्षा बल द्वारा किए जा रहे अत्याचार का मुद्दा उठाने के लिए इन इलाके के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद भी दिया है।
पीएम मोदी के भाषण में इस मुद्दे के आने के बाद इसे पाकिस्तान को भारत में मानवाधिकार का मुद्दा उठाने के जवाब के रूप में देखा जा रहा है।
दोनों देशों की सीमाओं पर वर्तमान कटुता 8 जुलाई को भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा कश्मीरी आतंकी बुरहान वानी की एक एनकाउंटर में मार गिराए जाने के बाद पैदा हुई है।