भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दौलत ने कहा है कि बुरहान वानी ‘कश्मीर के लोगों के लिए एक आइकन’ था। द इकॉनमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू मे रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के पूर्व मुखिया ने कहा, ”आप उसे आतंकवादी कह सकते हैं, मगर इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि वह वहां के लोगों के लिए एक तरह के आइकन की तरह था। वह अलग था। वह मशहूर था।
इसलिए, जब वह मारा गया, तो गुस्से का सैलाब बाहर निकलने जैसी स्थिति पैदा हो गई। बुरहान की मौत के बाद घाटी में बड़े पैमाने पर हिंसा फैल गई थी। घाटी में 51 दिनों के बाद सोमवार (29 अगस्त) को कर्फ्यू हटा लिया गया है। भारत ने कश्मीर में जारी अप्रिय स्थिति के पीछे पाकिस्तान का हाथ जताया था। मगर दौलत इससे इत्तेफाक नहीं रखते। उन्होंने कहा, ”वहां लंबे समय से गुस्सा धधक रहा था और हमने (भारत) ने इसका संज्ञान नहीं लिया। उस गुस्से को बस एक चिंगारी की जरूरत थी। और बुरहान वानी ने यह काम कर दिया।” दौलत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कश्मीर पर सलाहकार भी थे। दौलत ने कहा, ”एक इंटेलिजेंस अधिकारी के तौर पर, मैंने उसे इस दलदल से निकालने की कोशिश की होती। बहुत सारे आतंकवादी नई जिंदगी बिता रहे हैं।”
कश्मीर के आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान मुजफ्फर वानी को 8 जुलाई 2016 को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। वानी के सोशल मीडिया पर चलाए गए कैंपेन से सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में कश्मीरी युवा जुड़ने लगे थे। मुठभेड़ में बुरहान के साथ सरताज अहमद और परवेज अहमद लश्करी भी मार गिराए गए थे।