कश्मीर अशांति में मरने वालों की संख्या 47 हुई, पांच जिलों में कर्फ्यू जारी

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दिल्ली
एक कांस्टेबल सहित दो लोगों के आज अस्पताल में दम तोड़ देने से कश्मीर में अशांति का दौर शुरू होने के बाद से कुल 47 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि घाटी के पांच जिलों और श्रीनगर के कुछ इलाकों में एहतियात के तौर पर कर्फ्यू जारी रहा।

घाटी में तनावपूर्ण स्थिति के बीच आज लगातार 16वें दिन सामान्य जनजीवन बाधित रहा। सुरक्षा एजेंसियों ने अलगाववादियों द्वारा कल बुलाए गए मार्च के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘दक्षिण कश्मीर के पांच जिलों — अनंतनाग, कुलगाम, कुपवाड़ा, पुलवामा और शोपियां तथा श्रीनगर शहर के आठ थाना क्षेत्रों में एहतियात के तौर पर कफ्र्यू जारी है।’’ उन्होंने कहा कि चार जिलों — बांदीपुरा, बारामूला, बडगाम और गांदेरबल से कर्फ्यू हटा लिया गया है लेकिन इन क्षेत्रों में चार या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा हुआ है।

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उन्होंने कहा कि घाटी में अभी तक स्थिति शांतिपूर्ण है।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि 15 जुलाई को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में पुलिस थाने पर हुए हमले में घायल कांस्टेबल मुदसिर अहमद की आज सुबह अस्पताल में मौत हो गयी।

घाटी में चल रही अशांति के दौरान मरने वाले अहमद दूसरे पुलिस कर्मी हैं।

भीड़ ने 15 जुलाई को कुलगाम के यारीपुरा में थाने पर पथराव किया, संदिग्ध आतंकवादियों ने भीड़ के पीछे से थाने पर हथगोले फेंके। हादसे में छह पुलिसकर्मी घायल हो गए।
अधिकारी ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के पंपोर में खोनमोह निवासी समीर अहमद वानी की आज एसकेआईएमएस सूरा में मृत्यु हो गयी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिज्बुल मुजाहीद्दीन के कमांडर बुरहान वानी को आठ जुलाई को हुई मुठभेड़ में मार गिराए जाने के बाद, 10 जुलाई से घाटी में शुरू हुई हिंसक झड़पों के दौरान समीर घायल हो गया था।

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सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में वानी के मारे जाने के अगले ही दिन, नौ जुलाई से घाटी में जन-जीवन अस्त-व्यस्त है।

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अलगाववादी आंदोलन को बढ़ावा दे रहे हैं और कल उन्होंने अनंतनाग में मार्च निकालने का आह्वान किया है।

पुलिस के अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है कि मार्च ना निकलने पाये।

उन्होंने कहा कि घाटी के संवेदनशील स्थानों पर पहले से बड़ी संख्या में तैनात पुलिस और सीआरपीएफ को निर्देश दिया गया है कि वे कर्फ्यू और प्रतिबंधों का कड़ाई से पालन करें।

वानी के मारे जाने के बाद से शुरू हुई हिंसक झड़पों में अभी 5,000 से ज्यादा नागरिक और सुरक्षा कर्मी घायल हुए हैं।