भारत की इस नसीहत से जरूर शर्मिंदा होगा चीन !

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भारत ने साउथ चाइना सी पर चल रहे तनाव के बीच अपनी समुद्री नीति स्पष्ट की है और ड्रेैगन को आइना भी दिखाया।भारत हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के बीच मजबूत आर्थिक और नौसैनिक संबंध चाहता है। इसके लिए वह हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (आइओआरए) बनाने के लिए संकल्पबद्ध है। यह बात देश के विदेश सचिव एस जयशंकर ने हिंद महासागर सम्मेलन में कही है।

दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक भारत ने हिंद महासागर का उदाहरण देते हुए कहा है कि भारत संयुक्त राष्ट्र के समुद्री नियमों के मुताबिक समुद्र में आवागमन, इसके ऊपर से उड़ान भरने और बेरोक-टोक व्यापार की आजादी का हिमायती है उन्होंने कहा, भारत क्षेत्र में आपसी गतिविधियां बढ़ाना चाहता है। वह ऊर्जा के गैर पारंपरिक स्त्रोतों और जल आधारित अर्थव्यवस्था को विकसित करना चाहता है। हिंद महासागर से जुड़ी अर्थव्यवस्था के इतिहास और सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख करते हुए जयशंकर ने उसे पुनर्जीवित करने पर जोर दिया।

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उन्होंने ये भी कहा, हम अपने 1200 द्वीपों के विकास पर भी ध्यान दे रहे हैं। सड़क और रेल विकास की परियोजनाओं पर कार्य कर रहे हैं जिससे संपर्क के साधन बढ़ें। दिल्ली-मुंबई इंडस्टि्रयल कॉरीडोर बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। दक्षिण में हम बेंगलूर से चेन्नई के बीच इंडस्टि्रयल कॉरीडोर बनाने की संभावना पर कार्य कर रहे हैं। सम्मेलन में विभिन्न देश के करीब तीन सौ प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।

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विदेश सचिव ने कहा, ‘भारत मानता है कि देशों को शांतिपूर्ण ढंग से विवादों को हल करना चाहिए। इसमें धमकी या ताकत का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। इससे शांति और स्थिरता को नुकसान पहुंचेगा। समुद्री मार्ग शांति, स्थिरता, समृद्धि और विकास के लिए अहम हैं।’ उन्होंने कहा कि सभी देश संयुक्त राष्ट्र के समुद्री नियमों को लेकर सम्मान दिखाएं।

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