नई दिल्ली। पाकिस्तान ने मंगलवार(18 अक्टूबर) को कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय संधि की प्रतिबद्धताओं का खुला उल्लंघन करके पानी को उसके खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल करना चाहता है।
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विशेष सहायक तारिक फातेमी ने भारत पर कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया और कहा कि भारत के ‘आक्रामक’ रूख के प्रति अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ध्यान देना चाहिए। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में यह बात कही।
पाकिस्तान ने पहले चेतावनी दी थी कि भारत द्वारा सिंधु जल संधि को एकपक्षीय तरीके से रद्द करने को ‘युद्ध की गतिविधि’ माना जाएगा।
उजबेकिस्तान में इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक के 43वें सत्र में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व कर रहे फातेमी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का आह्वान किया कि भारत के इस दावे को खारिज किया जाए कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है।
भारत के दावे को ‘हास्यास्पद’ बताते हुए उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र जम्मू कश्मीर को दोनों संप्रभु राष्ट्रों के बीच अंतरराष्ट्रीय विवाद मानता है। फातेमी ने मुस्लिम समुदाय से आत्मनिर्णय के अधिकार की लड़ाई में कश्मीरियों को समर्थन जारी रखने का आह्वान किया।