चुनावी सर्वे पर भड़कीं मायावती, कहा ‘बनकर रहेगी बसपा की सरकार, मीडिया पूंजीपतियों का औजार’

0
मायावती

यूपी में आगामी चुनावों के मद्देनज़र चुनावी सर्वे में बीजेपी की बढ़त की खबरों से बौखलाई बसपा सुप्रीमो मायावती ने दावा किया कि चुनावी सर्वे महज़ एक हवाबाजी है इससे घबराने की जरूरत नहीं बल्कि ऐसी खबरों से सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने दावा किया कि यूपी में बसपा की सरकार बनकर रहेगी और इसे कोई नहीं रोक सकता।

मायावती ने कहा है कि सर्वसमाज के समर्थन से बसपा की सरकार बनना तय है लेकिन चुनाव के दौरान सर्वे कराने वाली एजेन्सियां कांग्रेस और भाजपा समेत अन्य विरोधी पार्टियों के पक्ष में हवा बनाने का काम कर रही हैं। इसलिए चुनाव के दौरान जोश के साथ-साथ पूरी समझदारी व सावधानी बरतने की जरूरत है।

इसे भी पढ़िए :  रामगोपाल के बेटे अक्षय ने कहा शिवपाल बनना चाहते थे सीएम, इसलिए नहीं दिया अखिलेश का साथ

उन्होंने कहा कि बसपा को सर्वसमाज खासकर दलितों, अन्य पिछड़ों एवं अल्पसंख्यकों का व्यापक जनसमर्थन प्राप्त है, मगर पार्टी का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) जैसे दलों से है जो साम, दाम, दण्ड, भेद समेत कई हथकण्डों की धुरंधर खिलाड़ी होने के साथ बड़े बड़े पूंजिपतियों व धन्नासेठों के बूते सत्ता में आती रही हैं। इसलिये विधानसभा चुनाव तक हर प्रकार की सावधानी बरतना बहुत जरूरी है।

इसे भी पढ़िए :  उत्तर प्रदेश की सत्ता में बीजेपी को नहीं आने देंगे मुस्लिम वोटर: मायावती

मायावती ने दोहराया कि केन्द्र में कांग्रेस और भाजपा जबकि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस, भाजपा और सपा की सरकारें अधिकांश मामलों में विफल रही है। इसके बावजूद ये तीनों पार्टियां प्रदेश की सत्ता में आने के लिए हर प्रकार के हथकण्डे इस्तेमाल करेंगी, जिनसे जनता को सावधान रहने की जरूरत है।  बसपा सुप्रीमो ने अपने कार्यकर्ताओं को आगाह करते हुए कहा कि देश में कई छोटे-ंबड़े अखबार और टी.वी. चैनलों के मालिकान बड़े-बड़े पूँजीपति व धन्नासेठ हैं। इसके अलावा चुनाव में सर्वे कराने वाली एजेन्सियां भी ज्यादातर इन्हीं के हिसाब से ही काम करती है। चुनाव में पूँजीपति व धन्नासेठ लोग इन सबका इस्तेमाल खासकर यहाँ कांग्रेस, भाजपा आदि उन सभी विरोधी पार्टियों के पक्ष में ही हवा बनाने के लिये करते हैं ताकि बाद में उनके स्वार्थ की पूर्ति हो सके।

इसे भी पढ़िए :  जाकिर को मिल सकती है क्लीन चिट