नई दिल्ली। केंद्र सरकार की तरफ से संसद की एक समिति को मंगलवार(18 अक्टूबर) को बताया कि भारतीय सेना ने पहले भी नियंत्रण रेखा के पार सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई करती रही है।
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद यह पहला मौका है जब मोदी सरकार ने इसे सार्वजनिक किया है। यह टिप्पणी सर्जिकल स्ट्राइक पहली बार किए जाने का रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का दावा सवालों के घेरे में आ गया है।
विदेश सचिव एस जयशंकर ने विदेश मामलों से संबंधित संसदीय समिति को यह सूचना दी। सांसदों ने उनसे विशिष्ट रूप से सवाल किया था कि क्या पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक हमले किए गए थे।
बैठक में मौजूद सूत्रों के अनुसार विगत में नियंत्रण रेखा के पार विशिष्ट लक्ष्य वाले, सीमित क्षमता के आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए गए थे, लेकिन यह पहला मौका है जब सरकार ने इसे सार्वजनिक किया है।
शीर्ष राजनयिक की टिप्पणी काफी अहम है, क्योंकि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पिछले हफ्ते कांग्रेस के दावों को खारिज कर दिया था कि संप्रग कार्यकाल में भी सर्जिकल स्ट्राइक किए गए थे।
सदस्यों ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि जयशंकर ने समिति से यह भी कहा कि 29 सितंबर के सर्जिकल हमले के बाद भी भारत पाकिस्तान से बातचीत कर रहा है, लेकिन भविष्य की बातचीत तथा इसके स्तर के बारे में कोई कैलेंडर नहीं तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा कि आपरेशन के समाप्त होने के बाद शीघ्र ही पाकिस्तानी सेना के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) को हमलों के बारे में सूचित कर दिया गया था। करीब ढाई घंटे चली बैठक के दौरान सेना के उप प्रमुख ले. जनरल बिपिन रावत ने भी नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों के ठिकानों पर सर्जिकल हमले का ब्यौरा दिया।