संभल जाओ पाकिस्तान! भारतीय सेना के बेड़े में शामिल होंगे 82 हजार करोड़ के टैंक और फाइटर प्लेन

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सैन्य तैयारियों को मजबूत करने के लिए रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 82 हजार करोड़ रुपये के रक्षा सौदों को मंजूरी प्रदान की है।  इसमें टैंक, लड़ाकू विमान, रॉकेट और ड्रोन की खरीद को मंजूरी दे दी गई है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अध्यक्षता में सोमवार को हुई डीएसी की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए।

खास बात यह है कि इस बार ज्यादातर खरीद परियोजनाएं देश में निर्मित सामग्री की हैं। यानी भारतीय सेना के बेड़े में अब विदेशी सामग्री के साथ-साथ मेड इन इंडिया हथियारों को भी शामिल किया जा रहा है। इसके साथ बड़ी बात ये भी है कि रक्षा सौदों में गड़बड़ी करने वाली कंपनियों को काली सूची में डाले जाने की नीति में बदलाव किया गया है। नई नीति में कंपनियों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने के प्रावधान को हटाया गया है।

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रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, सेना को मजबूती देने के लिए सेना के बेड़े में थलसेना के लिए 464 टी-90 टैंक खरीदे जाएंगी। ये टैंक ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) से 13,448 करोड़ रूपये मे खरीदे जाएंगे। इसके अलावा थलसेना के लिए 1100 करोड़ रूपये कीमत के 598 मिनी यूएवी खरीदने के लिए हरी झंडी दी गई। तो वहीं थलसेना के लिए ही 14,633 करोड़ रूपये के 6 अतिरिक्त पिनाका मिसाइल की रेजीमेंट को मंजूरी दी गई है।

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खरीद परिषद ने वायुसेना के लिए 83 तेजस लड़ाकू विमानों के खरीदने के लिए मंजूरी दी। एचएएल से ये विमान आईडीडीएम यानि इंडियन डिजाइन डेवलेपड एडं मैन्युफेक्चर कैटेगरी के तहत 50 हजार करोड़ रूपये में खरीदे जाएंगे। इसके अलावा वायुसेना के लिए 10 लाइट काॅम्बेट हेलीकाॅप्टर और थलसेना के लिए 05 हेलीकाॅप्टर्स को भी मंजूरी दी गई है।

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नौसेना के लिए जापान से 12 एंफीबियस विमानों की खरीद पर बैठक में चर्चा हुई लेकिन फैसला नहीं हो सका। लंबे समय से इन विमानों की खरीद का मामला टलता आ रहा है। लेकिन संभावना है कि 11-12 नवंबर को पीएम की जापान यात्र के दौरान इस बारे में आगे बातचीत हो सकती है।