नई दिल्ली। राजधानी, दुरंतो तथा शताब्दी ट्रेनों से यात्रा करने वाले यात्रियों को 9 सितंबर से मांग के अनुसार बढ़ते किराए की व्यवस्था के तहत 10 से 50 प्रतिशत तक अधिक किराया देना पड़ सकता है। रेलवे की इस मांग के अनुरूप नई किराया प्रणाली से रेलवे को चालू वित्त वर्ष में 500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी। खबरों के मुताबिक, एयरलाइंस कंपनियों की तरह दुरंतो, राजधानी और शताब्दी ट्रेनों का किराया भी मांग को देखते हुए बढ़ेगा।
इन प्रीमियम ट्रेनों में पहली 10 प्रतिशत सीटों के लिए सामान्य किराया लागू होगा, उसके बाद प्रत्येक 10 प्रतिशत बर्थ की बुकिंग पर किराए में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। इसके तहत मांग के आधार पर किराया ज्यादा से ज्यादा 50 प्रतिशत तक बढ़ेगा।
विमानन क्षेत्र की तरह मांग के अनुसार किराया या लचीली किराया प्रणाली इन तीन ट्रेनों में परीक्षण के आधार पर सेकेंड एसी, थर्ड एसी तथा चेयरकार और दुरंतो ट्रेनों में स्लीपर क्लास में लागू होगी। हालांकि, इन रेलगाड़ियों में फर्स्ट एसी तथा एक्जिक्यूटिव श्रेणी की यात्रा के लिए मौजूदा किरायों में कोई बदलाव नहीं होगा।
रेलवे बोर्ड के सदस्य मोहम्मद जमशेद ने कहा कि इन तीनों प्रीमियम ट्रेनों में आधार किराया लचीली किराया प्रणाली के आधार पर होगा। देश में इस समय 42 राजधानी, 46 शताब्दी तथा 54 दुरंतो ट्रेनें चल रही हैं।
रेलवे ने चालू वित्त वर्ष में यात्री किरायों से 51,000 करोड़ रुपये की आय का लक्ष्य रखा है जो पिछले वित्त वर्ष में 45,000 करोड़ रुपये था। जमशेद ने कहा कि ‘‘हम लचीली या फ्लेक्सी किराया प्रणाली शुरू कर रहे हैं। यह परीक्षण के आधार पर है। इसकी तीन-चार महीने बाद समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह दलालों के खिलाफ उपाय के रूप में काम करेगा।
सेकेंड एसी और चेयरकार के लिए अधिकतम बढ़ोतरी 50 प्रतिशत की होगी। वहीं थर्ड एसी के लिए यह 40 प्रतिशत अधिक होगी। अन्य अनुपूरक शुल्कों मसलन आरक्षण शुल्क, सुपरफास्ट शुल्क, कैटरिंग शुल्क और सेवा कर में कोई बदलाव नहीं होगा।
उदाहरण के लिए नयी दिल्ली-मुंबई का मुंबई राजधानी का थर्ड एसी का आधार किराया अभी 1,628 रुपये है। 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ यह 1,791 रुपये होगा और अधिकतम 50 प्रतिशत की वृद्धि के साथ यह 2,279 रुपये पर पहुंच जाएगा।