उग्रवादियों को मेरे खून से भ्रम दूर करने दीजिए: इरोम शर्मिला

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दिल्ली
मणिपुर की ‘आयरन लेडी’ इरोम शर्मिला ने करीब 16 साल से चला आ रहा अपना अनशन आज तोड़ दिया है। उन्होंने घोषणा की है कि वह मुख्यमंत्री बनना चाहती हैं ताकि वह विवादास्पद ‘अफ्सपा’ को हटा सकें। यह दुनिया में सबसे लंबे समय तक चलने वाला अनशन था।

एक सरकारी अस्पताल के एक कमरे को उनके लिए जेल में तब्दील कर दिया गया था, जिसके बाहर 44 वर्षीय मानवाधिकार कार्यकर्ता ने अनशन तोड़ने के लिए अपनी हथेली पर शहद लिया। उस वक्त वह भावुक हो गईं। सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम :अफ्सपा: के खिलाफ अपने अनशन के दौरान उनकी नाक में लगाई गई एक ट्यूब के जरिए उन्हें जबरन तरल आहार दिया जाता था ताकि उन्हें जीवित रखा जा सके।
इन खबरों के बीच कि कुछ उग्रवादी संगठन उनके 16 साल से जारी भूखहड़ताल तोड़ने से नाखुश हैं, इरोम शर्मिला ने आज कहा कि उन्हें उनके खून से अपना शक दूर करने दीजिए।

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शर्मिला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कुछ लोग फिलहाल संतुष्ट नहीं हो सकते। जिसतरह लोगों ने गांधी जी की हत्या की और उन पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाया, उसी तरह उन्हें मेरी हत्या करने दीजिए। लोगों ने ईसा मसीह की भी हत्या कर दी। ’’ उनसे उनके फैसले पर किसी दबाव या धमकी के बारे में सवाल किया गया था।

जमानत पर रिहा होने के बाद उन्होंने कहा, ‘‘मेरे खून से उन्हें अपना भ्रम दूर करने दीजिए ।’’ शर्मिला को महिला पुलिसकर्मियों ने घेर रखा था और वे उन्हें अस्पताल से ले गयीं।

हालांकि इस सामाजिक कार्यकर्ता ने कोई सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया और कहा कि वह आश्रम में रहना चाहती हैं।

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उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं सकारात्मक बदलाव करने के लिए मणिपुर की मुख्यमंत्री बनना चाहती हूं..यदि मैं मुख्यमंत्री बनी तो, पहली चीज मैं यह करूंगी कि अफ्सपा हटाने का काम करूंगी।’’ शर्मिला ने कहा, ‘‘मुझे सत्ता की जरूरत है। मणिपुर की राजनीति इतनी गंदी है कि हर कोई इस बारे में जानता है। लेकिन लोग यह महसूस नहीं करते कि इस गंदगी में लोग भी शािमल हैं।’’ उन्होंने कहा ‘‘मैं अपने साथ 20 निर्दलीय उम्मीदवारों को आने का न्योता देना चाहती हूं और मुख्यमंत्री इबोबी को अपदस्थ करना चाहती हूं।’’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘श्रीमान प्रधानमंत्री, आपको इस उम्र में अहिंसा की जरूरत है। इस निर्मम कानून :अफ्सपा: के बगैर आप हमसे संपर्क कर सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी को गांधीजी के अहिंसा का मार्ग पर चलने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा कि वह किसी आश्रम में रहेंगी और उन्हें किसी सुरक्षा की जरूरत नहीं है। ‘‘मैं मणिपुर की देवी नहीं कहलाना चाहती। मैं एक मनुष्य हूं।’’ इससे पहले दिन में इंफाल पश्चिम जिला के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी :सीजेएम: लामखानपाउ तोनसिंग ने अपने आदेश में कहा कि धारा 309 :आत्महत्या की कोशिश: के तहत अपराध जमानती अपराध है इसलिए वह 10,000 रूपये के एक निजी मुचलके पर उन्हें रिहा करने को इच्छुक हैं।

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मुचलका भरे जाने पर अदालत ने उसे स्वीकार कर लिया और एक रिहाई आदेश जारी किया। उनसे 23 अगस्त को फिर से अदालत में पेश होने को कहा गया है।