नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने आतंकी संगठन आईएस की साजिश की पोल खोल दी है। एनआईए ने कल हैदराबाद में 11 संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। इनसे पूछताछ मेंं पता लगा कि ये लोग हैदराबाद की भीड़भाड़ वाले इलाको में बम विस्फोट की साजिश कर रहे थे। खासतौर से इनके निशाने पर शहर के वीवीआईपी इलाके थे। सबसे बड़ा खुलासा तब हुआ जब एजेंसी को इस बात का पता लगा कि इन लोगों की मंशा शहर में दंगा भड़काने की थी। एनआईके को पता लगा कि हैदराबाद में चारमीनार के पास स्थित लक्ष्मी मंदिर में ये आतंकी गोमांस रखकर हिंदू समुदाय को भड़काने और शहर में दंगा कराने की साजिश रच रहे थे। रमजान के महीने में हिंदू-मुस्लिम के बीच दंगा भड़काने की इनकी साजिश बमुश्किल नाकाम हो सकी।
ये सभी आतंकी पिछले 5-6 महीने से एनआईए के स्कैनर पर थे और इनका संबंध बराबर आईएस के हैंडलर शफी आर्मर से था। 25 जून को इनकी अपने आका से हुई फोन पर बातचीत के आधार पर एनआईए की टीम इन्हें गिरफ्तार करने में कामयाब हुई।
फोन पर हुई बातचीत में इस मामले की चर्चा की गयी कि गाय और भैंस के मांस के सात टुकड़े और अगले दिन गोमांस के चार टुकड़े लाने हैं। खबर ये भा है कि इस काम को अंजाम देने के लिए दुबई से फंड आने वाला था।
हैदराबाद मोड्यूल का भंडाफोड़ इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि ये एक हथियारबंद गिरोह था। आपको बता दें कि इसके पहले रुड़की और मुंबई मोड्यूल का भंडाफोड़ हो चुका है। इस मोड्यूल में गिरफ्तार सभी संदिग्धों की उम्र 20 से 30 साल के बीच बताई जा रही है। ये सभी आतंकी पढ़े-लिखे, नौकरी-पेशा करने वाले, हाई प्रोफाइल परिवारों से ताल्लुक रखने वाले हैं। हैरत की बात तो ये है कि इनमें से कई इंजीनियर भी हैं। लेकिन गलत रास्ते पर चलकर इन्होंने अपनी जिंदगी को अपने ही हाथों बर्बाद कर लिया।