दुनिया के सबसे कुख्यात आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ISIS में बीते साल शामिल केरल का हफीजुद्दीन अफगानिस्तान में शुक्रवार को हुए ड्रोन हमले में मारा गया। इसकी जानकारी खुद उसके परिवार ने दी है। हफीजुद्दीन को अफगानिस्तान में ही दफना दिया गया है। केरल में इस्लमामिक स्टेट के नेटवर्क की जांच में जुटी राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA को भी इस बात की जानकारी मिली है।
सूत्रों के अनुसार केरल के कारसगोड जिले स्थित पडने गांव में 24 साल के हफीजुद्दीन की मां को अन्य ISIS लड़ाके के जरिए मौत की सूचना मिली। हफीसुद्दीन टी. कोलेथ उन 21 लोगों में शामिल था, जो 2016 में भारत छोड़कर इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए चले गए थे।
सूत्रों की मानें तो अशफाक ने टेलीग्राम एप के जरिए मैसेज भेजकर हफीजुद्दीन के परिजनों को उसकी मौत की खबर दी है। अशफाक ने लिखा, ‘हफीज की कल ड्रोन हमले में मौत हो गई। हम उन्हें शहीद मानते हैं, अल्लाह इस बारे में बेहतर जानता है। ग्रुप के अन्य सदस्य भी अपनी शहादत देने के लिए तैयार हैं।’ हफीजुद्दीन तीन साल पहले गांव आने से पहले खाड़ी देशों में रहकर आया था।
कहा जा रहा है कि उसे कोझीकोड स्थित एक निजी स्कूल में काम करने वाले अबुल राशिद अब्दुल्ला नामक युवक ने कट्टरता की ओर धकेलने का काम किया था। आईएस में शामिल होने वाला यह ग्रुप जून, 2016 में आईएस के कब्जे वाले अफगानिस्तान के नानगरहर सूबे में चला गया था। एनआईए ने जांच में पाया कि एनआईटी कैलिकट से ग्रेजुएट हुआ शाजीर अब्दुल्ला केरल में आईएस मॉड्यूल को नियंत्रित कर रहा था।