सालों तक पाकिस्तान की कैद में रहे भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की मौत 2 मई 2013 को हुई थी। जानें दर्द भरी कहानी की अनजानी बातें-
- सरबजीत सिंह भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे तरनतारन जिले के भिखीविंड गांव का रहने वाला किसान था। 30 अगस्त 1990 को वह अनजाने में पाकिस्तानी सीमा में पहुंच गया था। यहां उसे पाकिस्तान आर्मी ने गिरफ्तार कर लिया।
- लाहौर और फैसलाबाद में हुए बम धमाके का आरोपी बनाकर सरबजीत सिंह को जेल में बंद कर दिया गया। इस बम हमले में 14 लोगों की जान गई थी। 1991 में बम धमाके आरोप में सरबजीत सिंह को फांसी की सजा सुनाई गई।
- पाकिस्तान सरकार ने सरबजीत को मंजीत सिंह मान लिया और एंटी टेररिज्म कोर्ट ने 15 सितंबर 1991 को उसे मंजीत सिंह के नाम पर सजा-ए-मौत सुनाई।
- सरबजीत सिंह ने पाकिस्तान राष्ट्रपति के सामने पांच बार दया याचिका लगाई, लेकिन इन याचिकाओं पर फैसला नहीं हो सका।
- सरबजीत के परिवार में बहन दलबीर, पत्नी सुखप्रीत कौर और दो बेटियां स्वप्न और पूनम कौर हैं। सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने भी अपने भाई की रिहाई के लिए सारी कोशिशें की।
- सरबजीत सिंह पर लाहौर की कोट लखपत जेल में कैदियों ने हमला कर दिया था, इसके बाद पाकिस्तान ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया।
- सरबजीत की दास्तान पर फिल्म डायरेक्टर ओमांग तोमर फिल्म बना रहे हैं, जिसमें रणदीप हुड्डा समेत ऐश्वर्या राय ने काम किया है।
अगले स्लाइड में पढ़ें – पाकिस्तान की जेल से लिखी गई सरबजीत चिट्ठी, पढ़कर दहल उठेगा आपका दिल ?