नयी दिल्ली
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अंतराज्यीय परिषद् की बैठक में राज्यों से चर्चा किए बगैर केंद्र द्वारा एजेंडा तय किए जाने पर आज आपत्ति जताई। ममता ने कहा कि इसे अंतिम रूप देने से पहले राज्य के सरकारों के साथ विचार विमर्श किया जाना चाहिए था। लेकिन केंद्र ने बिना इस पर बात किए ही एजेंडा तय कर दिया है।
11वें अंतर राज्यीय परिषद् की बैठक के बाद ममता ने राष्ट्रपति भवन के बाहर कहा, “अगर आपने अंतर राज्यीय बैठक का आयोजन किया है तो आपको राज्यों से सलाह लेना पड़ेगा। आपने हमसे नहीं पूछा कि एजेंडा क्या होना चाहिए? अगर राज्य सरकारों से कहा जाता तो वे एजेंडा देते।” आगे उन्होंने कहा कि पहले राज्यों को योजना आयोग की बैठक में विचार विमर्श करने का अवसर होता था लेकिन योजना आयोग की जगह अब नीति आयोग ने ले लिया है और इसमें विचार विमर्श का अवसर काफी कम है।
ममता ने कहा, “दस वर्ष बाद अंतर राज्यीय परिषद् की बैठक बुलाई गई है। मैंने कहा कि योजना आयोग में हमें बोलने का अवसर होता था लेकिन यह अब खत्म कर दिया गया है। नीति आयोग में भी हम एक बार बैठक में हिस्सा लेते है। वे हमारी नहीं सुनते, नीति आयोग में भी कुछ नहीं है।”