मोदी सरकार ने चुनाव प्रचार में जमकर बहाया केन्द्र का पैसा, संसदीय समिति की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

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हाल ही में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव खत्म हुए हैं। इन पांच में से चार राज्यों में बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब रही। लेकिन जीत का सुरूर अभी उतरा भी नहीं था कि बीजेपी एक नए विवाद में घिरती नज़र आई। इंडिया संवाद की खबर के मुताबिक बीते दिनों समाप्त हुए उत्तरप्रदेश और पंजाब चुनावों के दौरान केंद्र सरकार ने अपनी योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए जमकर पैसे बहाये। संसदीय समिति की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि केंद्र ने इन चुनावों में करीब 25 करोड़ रूपये खर्च किये। हिंदुस्तान टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार यह पैसा डायरेक्टोरेट ऑफ फील्ड पब्लिसिटी (डीएफपी) को जारी किए गए 37.53 करोड़ रुपये के फंड का हिस्सा था।

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डीएफपी का काम सरकार की योजनाओं को फिल्म,,नाटकों, और ऑडियो विजुअल्स के जरिये दूर दर्ज के इलाकों में प्रचारित करना है। मंत्रालय ने संसदीय कमेटी को जानकारी दी कि डीएफपी ने पेशेवर एजेंसियों के जरिये एक पायलट प्रोजेक्ट चलाया।

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इसका मकसद स्वच्छ भारत और जनधन योजना जैसे सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार करना था। डीएफपी ने उत्तर प्रदेश के 25 जिलों में 4750 कार्यक्रम आयोजित किए। जबकि पंजाब के 12 जिलों में 1500 कार्यक्रमों के जरिए नोटबंदी, जनधन योजना आदि केंद्रीय योजनाओं के बारे में लोगों को बताया गया।

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