वन रैंक वन पेंशन के बहाने विरोधियों पर निशाना
वन रैंक वन पेंशन की सिफारिश लागू करने का क्रेडिट खुद की सरकार को देते हुए मोदी ने कहा, ‘लोकसभा चुनाव में मैं इसी मैदान पर प्रचार करने आया था। मैंने वन रैंक वन पेंशन की बात कही थी। मैं आज सेना के उन जवानों को नतमस्तक होकर बड़े संतोष के साथ कह रहा हूं कि आपका जो हक था, जिसके लिए आप 40 साल से लड़ रहे थे, वो आपको दिया गया। सरकारें आईं गईं, वादे हुए, चुलबुले भाषण हुए। कुछ लोगों ने 200-400 करोड़ बजट में डालकर आंखों में धूल झोंकने की कोशिश की। मैंने आकर काम हाथ में लिया तो हर दिन नई चीज निकल रही थी। पहले की सरकार तो इसे 200-500 करोड़ का मामला सोचती थी। मैंने देखा तो ये तो 10 हजार करोड़ का बन गया।’
हिमाचल और मंडी की जमकर तारीफ
मोदी ने अपनी स्पीच की शुरुआत में कहा, ‘मैं काशी से लोकसभा सांसद हूं। आज मुझे छोटी काशी में सिर झुकाने का अवसर मिला, ये मेरे लिए सौभाग्य की बात है। जब आया तो थोड़ा संकोच हो रहा था। भीतर से हिला हुआ था। मेरे मन में था कि हिमाचल के लोगों ने इतना प्यार दिया है, लेकिन मैंने यहां आने में देर कर दी। हो सकता है कि आप थोड़े नाराज होंगे या गुस्सा में होंगे। लेकिन आपका दिल तो हिमालय जितना बड़ा है। आपने उतना ही प्यार दिया। पल भर में जैसे बर्फ पिघल गए, वैसे ही सभी गिले शिकवे पिघल गए।’ मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत मंडी जिले को इनाम मिलने का जिक्र करते हुए स्थानीय जनता की जमकर तारीफ की। मोदी ने जनता से अपील की कि सभा के बाद वे मैदान पर प्लास्टिक की बोतलें और सामान न छोड़ें।