समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने शनिवार को बताया कि आखिर उन्होंने क्यों अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलाने के आदेश दिए थे। मुलायम ने कहा कि देश की एकता को कायम रखने के लिए उन्हें अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवानी पड़ी थी। मुलायम के मुताबिक, अगर उस वक्त गोली नहीं चलती तो मुसलमानों का देश से भरोसा उठ जाता। गोलीकांड पर अफसोस जताते हुए मुलायम ने कहा कि अगर सिस्टम पर भरोसा कायम करने के लिए 16 की जगह 30 लोगों की जानें भी जाती तो भी वे पीछे नहीं हटते। बता दें कि कारसेवकों पर फायरिंग की घटना 30 अक्टूबर 1990 को हुई थी। मुलायम उस वक्त यूपी के मुख्यमंत्री थे। वहीं, बीजेपी समर्थित विश्व हिंदू परिषद का मंदिर आंदोलन अपने चरम पर था।
अपने ऊपर लिखी किताब के विमोचन के मौके पर मुलायम ने कहा कि उनके आदेश की बहुत आलोचना हुई। संसद तक में उनका विरोध हुआ लेकिन यह कदम देश के हित में था। मुलायम के मुताबिक, ‘अगर ऐसा न होता, तो हिन्दुस्तान का मुसलमान कहता कि अगर हमारा धर्मस्थल नहीं बच सकता, तो हिन्दुस्तान में रहने का क्या औचित्य? समाजवाद का मतलब सबको साथ लेकर चलना है। सामाजिक एकता के लिए किसी किस्म का भेदभाव नहीं होना चाहिए।’
मुलायम ने कहा कि देश में अमीर-गरीब के बीच की खाई लगातार बढ़ती जा रही है। अंग्रेजों के समय में लोग भूखे नहीं मरते थे, मगर आज देश में भूख की वजह से मौतें हो रही हैं। मुलायम ने भरोसा दिलाया कि वे देश की एकता, सद्भाव को कायम रखने के लिए अपनी लड़ाई लड़ते रहेंगे।