नई दिल्ली। तीन तलाक को लेकर चल रही बहस के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शनिवार(29 अक्टूबर) को दावा किया कि देश भर की मुस्लिम महिलाएं शरिया कानून के तहत सुरक्षित महसूस करती हैं और वे समान नागरिक संहिता नहीं चाहतीं।
बोर्ड के सदस्य कमाल फारूकी ने कहा कि ‘‘सिर्फ पर्सनल लॉ बोर्ड या इसमें शामिल महिलाएं ही समान नागरिक संहिता के खिलाफ नहीं है, बल्कि देश भर की मुस्लिम महिलाएं इसे नहीं चाहतीं। वे शरिया कानून के तहत सुरक्षित महसूस करती हैं।’’ तीन तलाक की परंपरा के समर्थन में बोर्ड ने हस्ताक्षर अभियान चलाया है।
फारूकी ने कहा कि ‘‘इस अभियान को राजस्थान, गुजरात, उप्र, बिहार, दिल्ली, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में मुस्लिम महिलाओं का समर्थन मिल चुका है। हमें दूसरे जगहों से भी समर्थन मिल रहा है।’’ पर्सनल लॉ बोर्ड की महिला सदस्य असमा जेहरा ने कहा कि पूरे देश की मुस्लिम महिलाएं इस मांग के साथ आ रही हैं कि पर्सनल लॉ की रक्षा होनी चाहिए।