इस ऑपरेशन में इनकम टैक्स का साथ सीबीआई और इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट यानी ईडी जैसी एजेंसियों ने बखूबी दिया। जहां ईडी ने ज्यादातर फाइनेंशियल क्राइम और मनी लांड्रिंग के केस हैंडल किए, वही सीबीआई करप्शन और आय से ज्यादा संपत्ति के मामले देख रही है। इस दौरान सेंट्रल बोर्ड ऑफ डाइरेक्ट टैक्सेज यानी CBDT भी एक्टिव रही। उसने बैंकों और आरबीआई से कोऑर्डिनेट किया। सभी जांच एजेंसियों के हेड ऑफिसों से अपने मैदानी स्टाफ को ऑर्डर दिए जाते रहे। इनसे कहा गया कि जो भी कैश बरामद हो रहा है वो फौरन बैंकों में डिपॉजिट कराया जाए। उसे एजेंसी के स्ट्रॉन्ग रूम में ना रखा जाए।
ऐसा इसलिए किया गया ताकि नई करंसी जल्द सर्कुलेशन में लाई जा सके। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अपने स्टाफ को साफ निर्देश दिए कि वो लोकल पुलिस से मदद लें। क्योंकि कई जगह ये मदद लेना जरूरी हो जाता है।