दिल्ली
हज के लिए दुनिया भर के करीब 20 लाख लोग सउदी अरब पहुंच गए हैं और पिछले साल की भगदड़ की घटना को देखते हुए इस बार ऐसी किसी भी अप्रिय घटना को रोकने नए कदम उठाए गए हैं।
भगदड़ की घटना के बाद सउदी अरब और ईरान के बीच तनाव बढ़ गया था और तीन दशक में ऐसा पहली बार है कि तेहरान ने अपने लोगों को इस बार हज पर नहीं भेजा है।
हज के अरकानों (रीतियों) की शुरूआत शनिवार से हो रही है। हज यात्रियों पहले ही काबा का तवाफ करना (चक्कर लगाना) शुरू कर दिया है। यहां लोगों के आने का सिलसिला जारी है।
काबा में तवाफ करना हज के शुरूआती अरकानों में से एक है। हज इस्लाम धर्म के उन पांच प्रमुख स्तंभों में से एक है जिनको हर मुस्लिम के लिए फर्ज बताया गया है। शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से सक्षम मुस्लिम के लिए जीवन में एक बार हज करने को अनिवार्य करार दिया गया है।
सउदी प्रशासन ने पिछले साल की भगदड़ को देखते हुए इस बार सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पिछले साल की भगदड़ में करीब 2,300 लोगों की मौत हो गई थी।
































































