दिल्ली: आयकर विभाग के रेड में मिले कागजों के आधार पर एक एनजीओ ने पीएम मोदी समेत अन्य कुछ नेताओं को आदित्य बिरला और सहारा समूह की कंपनियों पर रिश्वत देने का आरोप लगाया है।
एनजीओ के अनुसार गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अन्य नेताओं को करोड़ों की घूस दी गई थी। एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि अगर वह इस मामले में जांच का आदेश नहीं देता है तो कोई अन्य जांच न्यायसंगत नहीं होगी।
याचिकाकर्ता संगठन सीपीआईएल ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि आयकर विभाग की अप्रैजल रिपोर्ट, डायरी और ई-मेल साफ-साफ इशारे करते हैं कि राजनेताओं को रिश्वत दी गई थी, लिहाजा सुप्रीम कोर्ट को जांच का आदेश देना चाहिए। हलफनामे में यह भी कहा गया है कि यह कम ही होता है जब अदालत या जांच एजेंसी के समक्ष ऐसे पुख्ता दस्तावेज पेश किए गए हों।