नोटबंदी केे फैसले का दो हफ्ते का वक्त गुज़र चुका है। लेकिन 15 दिन का लंबा वक्त गुजर जाने के बाद भी लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को झेलनी पड़ रही है। पैसे की किल्लत के चलते फसलों की बुआई बाधित हो रही है, और खेती के काम काज को छोड़कर पूरे दिन बैंकों की लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है। विपक्ष संसद परिसर में धरना दे रहा है तो संसद में भी हंगामे के आसार हैं। कुल मिलाकर सड़क से लेकर संसद तक हर तरफ नोटबंदी का विरोध चल रहा है। इस बीच वित्त मंत्रालय ने किसानों को राहत देते हुए जिला सहकारी बैंकों के लिए 21 हज़ार करोड़ कैश दिए जाने का एलान किया है।
नोटबंदी लागू होने के दो हफ्ते बाद आज राजनीतिक लड़ाई और तेज हो गई। इस मुद्दे पर एकजुट विपक्ष ने आज संसद परिसर में प्रदर्शन किया। इस धरने में कुल 14 पार्टियां शामिल हैं, जिसमें कांग्रेस, टीएमसी, जदयू, माकपा, भाकपा, एनसीपी, बसपा और राजद जैसे दल हैं। राहुल गांधी भी प्रदर्शन में मौजूद हैं और नोटबंदी का फैसला वापस लेने की मांग की। विपक्ष की मांग है कि नोटबंदी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में आकर बयान दें।
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