नोटबंदी के चलते देश भर में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं इस से नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्री तक नहीं बच पाए। केंद्रीय मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा को अपने छोटे भाई की मौत के बाद नोटबंदी की परेशानी से दो-चार होना पड़ा।
दरअसल, सदानंद गौड़ा के छोटे भाई डी वी भास्कर गौड़ा लंबे वक्त से चली आ रही किसी बीमारी की वजह से कर्नाटक के मैंगलूरू में कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (केएमसी) में भर्ती थे। मंगलवार (22 नवंबर) को उनकी मौत हो गई। सदानंद गौड़ा ने खुद ट्वीट करके अपने भाई डी वी भास्कर गौड़ा की मौत की खबर दी थी। सदानंद गौड़ा भाई का शव लेने गए तो अस्पताल ने पुराने नोट लेने से इन्कार कर दिया और शव सौंपने से भी।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, सदानंद गौड़ा के परिवार को 13 लाख रुपए की फाइनल पेमेंट करनी थी। परिवार की तरफ से जो पैसे दिए गए उसमें 48 हजार रुपए 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट थे। लेकिन हॉस्पिटल में उन्हें लेने से मना कर दिया। इसके बाद गौड़ा को चेक मे पेमेंट करनी पड़ी।
बताया गया कि नोटों को लेकर हॉस्पिटल स्टाफ और गौड़ा परिवार के बीच कुछ कहासुनी भी हुई थी। अंत में हॉस्पिटल ने लिखित में दे दिया कि वह पुराने नोट नहीं ले सकता। इसके बाद अंत में गौड़ा को चेक से पेमेंट करनी पड़ी। तब जाकर परिवारजनों को शव मिला। गौरतलब हो कि मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद से देश भर में लोगों को इसी तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।