हर आतंकी हमले के बाद सबसे पहले शक की सुई पाकिस्तान पर ही घूमती है। सूबसे पहले नाम पाकिस्तान का ही सामने आता है। लेकिन इस मुल्क की सरकार हर बार सुबूत मांगकर आरोप लगाने वालों से कन्नी काट लेती है। चाहे वो 9/11 मुंबई में हुआ सबसे बड़ा आतंकी हमला हो या फिर संसद पर हुआ हमला। बड़े ही बेशर्म अंदाज से पाकिस्तान की सरकार पाकिस्तान सरकरा के खिलाफ मिले सुबूतों को अपर्याप्त बता देती है। और अपने मुल्क में पल रहे आस्तीनों के सांपों को फांसे के फंदे से बचा लेती है। लेकिन इस बार फिर पाकिस्तान का असली और घिनौना चेहरा बेपर्दा हुआ है। इस बार इस चेहरे को बेपर्दा करने वाला भारत नहीं बल्कि सऊदी अरब है।
सऊदी अरब ने कहा है कि उसने मदीना में हमला करने वाले की पहचान कर ली है। हमलावर एक पाकिस्तानी है, जो पिछले 12 साल से सऊदी में रह रहा था। सोमवार को मदीना में हुए हमले में चार सुरक्षाकर्मियों की जान गई। पांच लोग घायल हुए। इसी दिन सऊदी अरब में दो और हमले हुए। जेद्दा में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के बाहर धमाका हुआ। एक और विस्फोट एक शिया मस्जिद के बाहर हुआ। हालांकि किसी संगठन ने इनकी जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन माना गया है कि इनके पीछे इस्लामिक स्टेट का हाथ हो सकता है।
सऊदी गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि मदीना विस्फोट के हमलावर की पहचान 34 वर्षीय अब्दुल्लाह कलजर खान के रूप में हुई है। वह अपनी पत्नी और माता पिता के साथ जेद्दा के पास रहता था। खान 12 साल पहले सऊदी अरब आया था। वहां ड्राइवर की नौकरी कर रहा था। सऊदी सरकार के मुताबिक खान ने पार्किंग स्थल में तब विस्फोट किया, जब सुरक्षाकर्मियों को उस पर शक हुआ और वे उसकी ओर बढ़े। विस्फोट के कारण कई गाड़ियों में आग लगी और काला धुआं उठता हुआ देखा गया। इसमें दो सुरक्षाकर्मी घायल हुए।
तीन करोड़ की आबादी वाले सऊदी अरब में लगभग 90 लाख विदेशी रहते हैं। इनमें पाकिस्तानियों की तादाद सबसे अधिक है। वहीं पाकिस्तानी गृह मंत्रालय ने कहा है कि हम इस व्यक्ति के बारे में और जानकारी हासिल करने की कोशिश की जा रही है। पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है, यह किसी एक देश या व्यक्ति से जुड़ा हुआ नहीं है।” पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन मंगलवार को सऊदी अरब के लिए रवाना हुए। वे मदीना की मस्जिद जाएंगे। ईद से एक दिन पहले सोमवार को जिस समय हमला हुआ, मस्जिद पूरी तरह भरी हुई थी। स्थानीय मीडिया के अनुसार हमलावर की मस्जिद के अंदर हमला करने की योजना थी, लेकिन सुरक्षाकर्मियों की नजर पड़ने के कारण बड़ा हादसा टाल दिया गया।
इस आतंकी वारदात के पीछे पाकिस्तान की करतूत एक बार फिर बेपर्दा हो गई।