ये कहावत तो आपने भी सुनी होगी, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। आजकल ये कहावत पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान पर एकदम सटीक बैठ रही है। दरअसल पाकिस्तान अपनी गिरेबां में झांकने के बजाए भारत पर आरोप मंडने की फिराक में लगा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ 22 सितंबर यानी कल संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण देंगे। खबर है कि अपने भाषण में वो कश्मीर का मुद्दा उठाएंगे और मानवाधिकार के नाम पर भारत को घेरने की कोशिश करेंगे। इस दौरान नवाज शरीफ मानव अधिकारों की बड़ी-बड़ी बातें करेंगे। जज्बात और इंसानियत के घड़ियाली आंसू बहाएंगे। लेकिन इंसानियत से उनका कैसा रिश्ता है, ये दुनिया जानती है। ऐसे में सवाल ये खड़ा होता है कि आतंकवाद को समर्थन और बलूचिस्तान में हज़ारों लोगों के नरसंहार जैसे संगीन आरोपों में घिरे नवाज शरीफ का ये बयान किसके गले उतरेगा?
आतंकवादी देश पाकिस्तान के प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र महासभा में भले ही फरेब और दोमुंहेपन से भरे भाषण की तैयारी कर रहे हों। शरीफ में उरी के कायराना हमले पर जुबान खोलने का हौसला नहीं है। सच्चे सवालों से उन्हें इतना डर लगता है कि अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू करने से पहले वो भारतीय पत्रकार को वहां से हटा देते हैं। पत्रकार का सवाल सुनकर पल्ला झाड़ने वाले शरीफ की शराफत देखिए कि वो आतंकी हमले में मारे गए शहीदों को बारे में दो बातें भी ना बोल पाए। अब आप शरीफ की इंसानियत का अंदाजा इसी बात से लगा लीजिेए।
उरी हमले पर पाकिस्तान भले ही खामोश हो अमेरिका, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन समेत दुनिया के तमाम देशों ने इसकी कड़ी आलोचना की है. यहां तक कि पाकिस्तान के सरपरस्त चीन को भी आतंकवाद के खिलाफ बयान देना पड़ा है। ऐसे माहौल में उरी के आतंकी हमले पर नवाज की बेशर्म खामोशी शराफत के चोले में छिपे गुनाह की चुगली कर रही है।
कल यूएन में सुषमा स्वराज देंगी नवाज शरीफ को मुंह तोड़ जवाब, पूरी खबर पढ़ने के लिए अगले स्लाइड पर क्लिक करें