यूएन में एक तरफ पाकिस्तान घड़ियाली आंसू बहाएगा तो दूसरी तरफ भारत अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उसका पर्दाफाश करेगा। एक तरफ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ कश्मीर का मुद्दा उठाकर वहां मौजूद प्रतिनिधियों का आतंकवाद से ध्यान भटकाने की कोशिश करेंगे तो दूसरी तरफ भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज बलूचिस्तान और सिंध की आजादी का मुद्दा उठाकर उन्हें आइना दिखाएंगी। यानी इस बार यूएन में सुषमा बनाम शरीफ के बीच जुबानी जंग देखने को मिलेगी।
बलूच नेता बुगती के जरिए भी नवाज शरीफ पीएम मोदी पर वार कर सकते हैं। 15 अगस्त को लाल किले से पीएम मोदी ने बलूचिस्तान का जिक्र किया था और तब से पकिस्तान तिलमिलाया हुआ है। हाल ही में स्विट्जरलैंड में रहे बलोच नेता बुगती ने भारत में शरण लेने को अपने इरादे जाहिर किए हैं। सूत्रों का मानना है कि पीएम शरीफ संयुक्त राष्ट्र में बलूचिस्तान को लेकर भारत का जिक्र कर कूटनीतिक दांव खेलेंगे। भारतीय विदेश मंत्री सुषमा 26 सितंबर को यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली में बोलेंगी और संभवतः आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के बॉयकॉट की अपील करेंगी।