योग गुरू बाबा रामदेव की पतंजलि योगपीठ की इकाई के खिलाफ साद्य सुरक्षा विभाग ने एडीएम कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया है। पतंजलि निर्मित हल्दी का सैंपल फेल होने पर विभाग ने यह कार्रवाई की है। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी महिमानंद जोशी ने बताया कि विभाग ने पतंजलि की हल्दी का सैंपल जनवरी 2016 में भगवान स्थित स्टोर से लिया था। जिसे जांच के लिए रुद्रपुर लैब भेजा गया था, जहां से जुलाई में रिपोर्ट आई थी, जिसमें हल्दी मानक के अनुसार नहीं पाई गई। लैब की जांच रिपोर्ट में हल्दी में नमी और कुछ तत्व मानक से अधिक पाए गए।
आपको बता दें कि इससे पहले भी पतंजलि के कई प्रोडक्ट्स के सैंपल फेल हो चुके हैं। बेसन से लेकर शहद तक मानकों पर खरे नहीं उतरे, इसके बाद अब हल्दी की गुणवत्ता पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा हो गया है।
गौरतलब है कि देशभर के लोग बाबा रामदेव को योगगुरू के तौर पर काफी मानते हैं और यही वजह है कि वो पतंजलि के सामानों को तरजीह देते हैं। बाबा रामदेव पतंजलि के ब्रांड एमबेस्डर हैं इसलिए लोग पतंजलि के सामान को बढ़-चढ़कर खरीदते हैं। बाबा रामदेव अपने विज्ञापनों में दावे करते रहे हैं कि बाहरी कंपनियों के सामानों में मिलावट है उन्हें छोड़िए और पतंजलि के शुद्ध, देसी सामान को इस्तेमाल करें। अब अगर ऐसे में पतंजलि के सामान भी मानकों पर खरे ऩहीं उतरेंगे को जनता किसपर यकीन करे।
अगले स्लाइड में पढ़ें – एक महीने पहले ही पतंजलि पर लगा था 11 लाख का जुर्माना, आखिर क्यों ?
पतंजलि के उत्पादों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कम्पनी पर पिछले महीने ही 15 दिसंबर को 11 लाख रुपए का जुर्माना ठोक गया था। ये कार्रवाई हरिद्वार एडीएम की तरफ से की गई थी।
दरअसल बात 2012 की है जब स्वामी रामदेव की कनखल संस्था दिव्य योग फार्मसी पर हरिद्वार खाद्य विभाग ने छापा मारा था। 16 अगस्त को नगर निगम के खाद्य विभाग द्वारा की गई फ़ूड सेम्पलिंग फेल होने के बाद खाद्य विभाग की टीम ने रामदेव की कंपनियों के खिलाफ सम्बंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। यह मुकदमा हरिद्वार के अपर जिलाधिकारी के यहां दर्ज कराया गया था।
शुद्ध और आरोग्य बताकर बेचने का आरोप
प्रशासन का आरोप था कि बाबा की संस्था बाहर से बनवाए गए उत्पाद को अपने नाम से शुद्ध और आरोग्य बताकर बेच रहे थे, ये खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गैरकानूनी है।
रामदेव को अपना पक्ष रखने के लिए एक माह का समय दिया गया था, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। जिसके बाद पतंजलि पर 11 लाख का जुर्माना मिस ब्रांडिंग एवं भ्रामक प्रचार का आरोप में लगाया गया है। 5 उत्पादों के सैम्पल जब्त किए गए थे, जिसमें बेसन, जैम, कच्ची धानी, सरसों का तेल, नमक, शहद आदि शामिल थे। इसके बाद हरिद्वार एडीएम कोर्ट ने साफ़ कर दिया है कि बाबा की संस्था को 11 लाख रुपए का जुर्माना देना होगा।
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