पीएम नरेंद्र मोदी वियतनाम दौरे पर हैं। पीएम ने वियतनाम के लिए कई बड़े एलान किए। उन्होंने न्हा त्रांग की टेलीकम्युनिकेशंस यूनिवर्सिटी में सॉफ्टवेयर पार्क की स्थापना के लिए 5 मिलियन डॉलर की मदद की भी घोषणा की। इस दौरान दोनों देशों के बीच 12 समझौते हुए। मोदी पिछले 15 वर्ष में वियतनाम की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। इस मौके पर मोदी ने कहा, ‘हमने क्षेत्र में बढ़ते आर्थिक अवसरों को भुनाने पर सहमति जताई। वर्ष 2020 तक 15 अरब डॉलर का व्यापारिक लक्ष्य हासिल करने के लिए व्यापार एवं कारोबार संबंधी नए अवसर भुनाए जाएंगे।’ प्रधानमंत्री मोदी ने वियतनाम में जारी भारतीय परियोजनाओं एवं निवेशों को आगे बढ़ाए जाने की बात की। उन्होंने कहा कि उन्होंने भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं एवं मुख्य कार्यक्रमों का लाभ लेने के लिए वियतनाम की कंपनियों को आमंत्रित किया है।
इसके बाद मोदी वियतनाम की राजधानी हनोई में बौद्ध मठ कुआन सू पगोडा गए। यहां उन्होंने बौद्ध भिक्षुओं से मुलाकात की। यहां उन्होंने कहा, ”हमारा 2000 सालों से नाता है। इतने सालों में कुछ लोग यहां युद्ध लेकर आए और हम बुद्ध लेकर आए। जो युद्ध को लेकर आए वे मिट गए जो बुद्ध लाए वे अमर हो गए।” इससे पहले सुबह मोदी वियतनाम के क्रांतिकारी नेता हो ची मिन्ह के घर भी गए। इस बारे में उन्होंने कहा, ” हो ची मिन्ह के घर जाना तीर्थयात्रा की तरह है।” यहां उन्होंने तालाब में मछलियों को दाना भी डाला।
इससे पहले पीएम मोदी नेकहा, ‘वियतनाम अपने लोगों को सशक्त एवं समृद्ध बनाना चाहता है, उद्यमिता एवं नवोन्मेष को बढ़ावा देना चाहता है, अपना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आधार मजबूत करना चाहता है, तेज आर्थिक विकास के लिए नई संस्थागत क्षमताएं पैदा करना चाहता है और आधुनिक राष्ट्र के निर्माण के लिए कदम उठाना चाहता है, ऐसे में भारत और उसके एक अरब 25 करोड़ लोग वियतनाम का साझीदार और उसकी यात्रा में मित्र बनने के लिए तैयार खड़े हैं।’ मोदी ने अंतरिक्ष सहयोग के खाका समझौते पर बात करते हुए कहा कि इससे वियतनाम अपने राष्ट्रीय विकास उद्देश्यों को पूरा करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के साथ हाथ मिला सकेगा। उन्होंने हनोई में भारतीय सांस्कृतिक केंद्र की शीघ्र स्थापना एवं उद्घाटन की उम्मीद व्यक्त करते हुए कहा, ‘भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण वियतनाम के माई सन में चाम स्मारकों का संरक्षण एवं मरम्मत कार्य शीर्ष आरंभ कर सकेगा।’
मोदी ने इस वर्ष की शुरुआत में नालंदा महाविहार को यूनेस्को विश्व धरोहरों में शामिल कराने के लिए वियतनाम के नेतृत्व को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक संबंधों, भौगोलिक निकटता, सांस्कृतिक संबंधों एवं सामरिक स्थिति, जिसे दोनों पक्ष साझा करते हैं, के सदंर्भ मे भारत के लिए आसियान महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह हमारी ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का केंद्र है। हम भारत के लिए आसियान समन्वयक के तौर पर वियतनाम के नेतृत्व में सभी क्षेत्रों में भारत-आसियान साझीदारी को मजबूत करने की दिशा में काम करेंगे।’ मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों में ‘लय बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित रखने’ की आवश्यकता व्यक्त की और वियतनाम के नेतृत्व को भारत आमंत्रित किया।