चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और उनकी बेटी को यहां सीबीआई की एक विशेष अदालत ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण आयोग में इंजीनियर का पद हासिल करने के लिए शैक्षिक प्रमाणपत्रों के साथ जालसाजी करने का दोषी ठहराया है। कोर्ट ने उन्हें अपनी बेटी की फर्जी तरीके से मार्कशीट प्रमाणित कर उसके आधार पर नियुक्ति कराने का दोषी ठहराया है।
क्या था पूरा मामला ?
प्रो रमेश चंद्र और अन्य के खिलाफ तीन मई 2000 को यह मामला दर्ज किया गया था। इसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपी ने अपनी पुत्री को डीपीसीसी में सहायक पर्यावरण इंजीनियर के पद पर नियुक्त कराने के लिए, प्रशिक्षण एवं प्रौद्योगिकी शिक्षा निदेशालय में पॉलिमर प्रौद्योगिकी के प्रोफेसर के तौर पर अपने पद का दुरूपयोग किया। इसके लिए आरोपी ने बेंगलूर विश्वविद्यालय की अंक सूची की फर्जी फोटोकॉपी का उपयोग किया जिसके अनुसार, सीमा ने बैचलर ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की परीक्षा पास की थी जबकि वह परीक्षा में फेल हो गई थी।