कश्मीर को लेकर आतंकियों ने नई रणनीति तैयार की है, जिसके तहत कई आतंकी संगठनों ने आपस में हाथ मिला लिया है, और एक हो गए हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुखिया एसपी वैद के अनुसार हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा ने हाथ मिला लिया है और वो साथ मिलकर काम कर रहे हैं। पुलिस के मुताबिक नई पीढ़ी के आतंकवादियों में स्थानीय युवकों की संख्या पिछले दो दशकों में सबसे ज्यादा हो गई है। खास बात यह है कि अलग-अलग आतंकवादी संगठन सिर्फ कहने को अलग रह गए हैं, जमीन पर सभी एक नजर आते हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुखिया एसपी वैद के मुताबिक, दो सबसे खतरनाक आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा इन दिनों साथ मिलकर ऑपरेट कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें इन आतंकी संगठनों के बीच कोई अंतर नजर नहीं आता। ये सभी हमारे के लिए आतंकवादी हैं। हालांकि, हमें ऐसे इनपुट्स मिले हैं कि आजकल वे साथ मिलकर काम कर रहे हैं।’ पुलिस, आर्मी, सीआरपीएफ और अन्य एजेंसियों का कहना है कि आतंकवादियों की कुल संख्या 230 से 250 के बीच है और इनमें लगभग 60-70% आतंकी स्थानीय हैं। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, शोपियां, कुलगाम, अंनतनाग में 90% आतंकवादी स्थानीय हैं, जबकि लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के नजदीक उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा, बांदीपुरा और बारामुला में 90% आतंकवादी विदेशी हैं क्योंकि सीमा पार से घुसपैठ सबसे ज्यादा यहीं होती है।
आपको बता दें कि पुलिस मुठभेड़ में शनिवार की देर रात मीर बाजार इलाके में मारे गये आतंकी फयाज अहमद उर्फ सेठा को दफनाने के दौरान चार आतंकियों की भी मौजूदगी देखी गयी। इन आतंकियों ने एके-47 से हवा में फयरिंग कर फयाज को ‘बंदूक की सलामी’ दी और भारतीय सेना के खिलाफ नारे लगाये। फयाज को रविवार को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में दफनाया गया। वह कुलगाम के कैमोह इलाके का रहनेवाला था। इस दौरान भारी संख्या में लोग मौजूद थे। आतंकियों के साथ नारे लगाने में कुछ स्थानीय युवक भी शामिल थे। इस घटना को लेकर सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हो गयी हैं और इस पर चिंता जतायी है।
गौरतलब है कि हिजुबल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद आतंकवादी संगठनों में युवकों की संख्या में बढ़ोत्तरी आई है। तब से लेकर अभी तक देखा जाए तो 100 से ज्यादा स्थानीय लोग आतंकवाद की राह पकड़ चुके हैं।
दक्षिण कश्मीर मे पीडीपी नेता ने कहा, “मुद्दा यह है कि ये आतंकवादी स्थानीय हैं। मेरे पड़ोस में कम से कम सात आतंकवादी रहते हैं। उन्हें सब पता है और उनमें कभी भी हमला कर देने की क्षमता है।”
पुलिस ने कहा कि आतंकवादी अब अपनी रणनीति में बदलाव कर रहे हैं और हथियारों की कमी को पूरा करने के लिए वो हथियार छीनने और बैंक लूटने का काम कर रहे हैं।