बता दें कि इसी साल जनवरी में गणतंत्र दिवस पर फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद जब मुख्य अतिथि थे तब सभी की निगाहें इस सौदे पर टिकी हुई थी लेकिन पैसों को लेकर बात नहीं बन पाई थी। इसका कारण यह था कि भारत कीमतें कम करवाना चाहता था. बताया जाता है कि 26 जनवरी को रात दो बजे तक कीमतों के लेकर चर्चा हुई थी। बाद में भारत और फ्रांस ने कीमत का उल्लेख किए बिना ही एग्रीमेंट किया था।
भारतीय नौसेना के लिए यह सौदा खुशी के साथ थोड़ा गम देने वाला है। एक ओर जहां उसे आधुनिक श्रेणी के विमान मिलेंगे वही, दूसरी ओर उसकी जरूरत पूरी नहीं हो पाई है क्योंकि भारतीय नौसेना के लिए यह सौदा खुशी के साथ थोड़ा गम देने वाला है। एक ओर जहां उसे आधुनिक श्रेणी के विमान मिलेंगे वही, दूसरी ओर उसकी जरूरत पूरी नहीं हो पाई है क्योंकि भारत को कम से कम 126 स्कावड्रन की दरकार थी।
भारत को फिलहाल कम से कम 42 स्कावड्रन की जरूरत है और वर्तमान में उसके पास 32 स्कावड्रन हैं। यह संख्या और कम हो जाएगी क्योंकि मिग-21 फाइटर विमान के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी गई है। वहीं, नए विमान 2019 से बेड़े में शामिल होंगे।































































