कश्मीर हिंसा पर बुधवार को संसद के ऊपरी सदन में चर्चा हुई। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य सभा में आकर कश्मीर हिंसा पर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई से सदन को अवगत कराया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा- ”जब मैं 23 व 24 जुलाई को श्रीनगर और अनंतनाग गया था तो कश्मीर मुद्दे पर चर्चा के लिए कई प्रतिनिधिमंडलों और मुख्यमंत्री से मिला। मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि कश्मीर में जो कुछ भी हो रहा है, उसके पीछे पाकिस्तान का हाथ है। मैं यह नहीं कह रहा कि कश्मीर में रह रहे लोग सामान्य जिंदगी जी रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार मूल सुविधाएं मुहैया कराने की भरसक कोशि श कर रही है। कश्मीर क्षेत्र में पत्थरबाजी के चलते 100 एम्बुलेंस क्षतिग्रस्त हो गई हैं, इसके बावजूद 400 से ज्यादा एम्बुलेंस अभी तक ऑपरेट कर रही हैं।” राजनाथ ने सुरक्षा बलों द्वारा पैलेट गन के प्रयाेग पर सदन को आश्वस्त करते हुए कहा, ”सुरक्षा बलों को कम से कम बलप्रयोग करने के निर्देश दिए हैं। मैं घातक हथियारों के प्रयोग को जायज ठहराने की कोशिश नहीं कर रहा हूं, मगर वहां ये हथियार पहले भी प्रयोग होते रहे हैं।”
राजनाथ ने घाटी में हुए विरोध-प्रदर्शनों के दौरान घायल हुए सुरक्षा बलों की संख्या भी देश के सामने रखी। उन्होंने बताया, ”अभी तक कश्मीर में हुए प्रदर्शनों के दौरान 4,515 सुरक्षा कर्मी और 3,356 नागरिक घायल हुए हैं। लश्कर-ए-तैयबा के कुछ आतंकी हमारे सुरक्षा बलों और उनके परिवारों को धमकाने की कोशिश कर रहे हैं।” कश्मीर हिंसा पर पाकिस्तान की दखलअंदाजी पर सख्त होते हुए गृहमंत्री ने कहा, ”दुनिया की कोई ताकत हमसे J&K को नहीं ले सकती। अगर पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत होगी तो सिर्फ पाक अधिकृत कश्मीर पर होगी, कश्मीर पर नहीं।” राजनाथ ने राष्ट्र-विरोधी नारेबाजी पर सरकार द्वारा सख्त रुख अपनाए जाने का भरोसा दिया। उन्होंने कहा, ”देश की धरती पर देश के खिलाफ कोई भी नारा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मैं कश्मीर के लोगों से ऐसे तत्वों को रोकने की अपील करता हूं।”
इससे पहले राज्य सभा में कश्मीर के हालात पर चर्चा के दौरान केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भी सख्त लहजे में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, ”कश्मीर ने भारत के साथ रहने का फैसला किया। हम कश्मीर को पाकिस्तान के हाथ जाने नहीं देंगे। हमारे सिर को हम कटने नहीं देंगे। कश्मीर के जवानों को मैं कहना चाहता हूं कि तुम्हारे साथ अत्याचार हुआ है। रोज दलितों पर हमले होते हैं, मगर हमने दलिस्तान नहीं मांगा। धर्म, भाषा, जाति से बड़ा है देश। जो भारत को तोड़ने की कोशिश करेगा, उसका सत्यानाश होगा।”