गृहमंत्री राजनाथ सिंह कश्मीर में बिगड़े हालात को काबू में करने के लिए बुधवार को घाटी जाएंगे। वहीं इससे पहले घाटी में 11 साल बाद बीएसएफ जवानों की तैनाती कर दी गई है। केंद्र की ओर से 2600 जवान सुलगते कश्मीर को शांत करने पहुंचे हैं।
आतंकी बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद से ही कश्मीर में हिंसक प्रदर्शन जारी है।
जानकारी के मुताबिक, राजनाथ सिंह कश्मीर के लिए बुधवार को दिल्ली से रवाना होंगे। उनका यह कश्मीर दौरा दो दिनों का होगा। बताया जा रहा है कि राजनाथ सिंह वहां जाकर प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं से कश्मीर में उपजी हिंसा को लेकर बातचीत करेंगे।
‘निहित स्वार्थ वाले लोग भड़का रहे उपद्रव’
इस बीच, जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि मुट्ठी भर लोग शांति के विरोधी हैं और कश्मीर घाटी में हिंसा के लिए युवाओं को भड़का रहे हैं। शहर के भगवतीनगर इलाके में एक सरकारी कार्यक्रम में महबूबा ने कहा था कि ये लोग कश्मीर में शांति नहीं चाहते हैं और अपने निहित स्वार्थ के कारण युवाओं को हिंसा के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। गत माह घाटी में हिंसा शुरू होने के बाद मुख्यमंत्री ने पहली बार जम्मू का दौरा किया।
30 और कंपनियां भेजे जाने की संभावना
घाटी में बीएसएफ की 26 कंपनियों को राज्य के समस्याग्रस्त इलाकों में कानून व्यवस्था बनाने के लिए भेजा जा रहा है। इन बलों को गुजरात, राजस्थान और पश्चिम बंगाल से लिया गया है। इसके अतिरिक्त अमरनाथ यात्रा की ड्यूटी से हटाए जाने के बाद बल की 30 अतिरिक्त कंपनियों को भी अगले कुछ दिन में राज्य में भेजे जाने की संभावना है।
2005 में सीआरपीएफ ने ली थी बीएसएफ की जगह
इससे पहले 90 के दशक में कश्मीर में आतंकवाद रोधी अभियान के तहत घाटी में बीएसएफ को तैनात किया गया था। स्थानीय लोगों के मन में बीएसएफ की छवि एक आक्रामक और क्रूर बल की है। 2005 में बीएसएफ की जगह सीआरपीएफ को कश्मीर में कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर तैनात किया गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कानून-व्यवस्था की स्थिति में मदद के लिए शहर के लाल चौक और आसपास के इलाकों में बीएसएफ कर्मियों को तैनात किया गया है।
25 अगस्त तक अलगाववादियों का प्रदर्शन और बंद
दूसरी ओर, अलगाववादियों ने घाटी में अपने विरोध प्रदर्शन और बंद को 25 अगस्त तक बढ़ा दिया है। लिहाजा, इलाके के सभी स्कूल-कॉलेज, बाजार, सार्वजनिक परिवहन और दूसरे व्यापार बंद हैं। पुराने श्रीनगर और अनंतनाग में कर्फ्यू जारी है, जबकि कुलगाम, शोपियां, पुलवामा, बारामूला, बांदीपुरा, कुपवाड़ा और बडगाम में भी पाबंदी लगाई गई है। कश्मीर हिंसा में अब तक 70 लोगों की मौत हो चुकी है।