नए साल में भी जारी रहेगी कैश की किल्लत, नोटों की आपूर्ति मांग के अनुरूप नहीं

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नोटबंदी
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दिल्ली: सरकार के दावों के उलट नए साल में भी देश में नोटों का भारी किल्लत होने की आशंका है। देश के कई हिस्सों में अभी भी नकदी की भारी कमी है। यह कमी 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद होने से और नए नोट के कम सर्कुलेशन की वजह से हो रही है। सरकार ने लोगों को उम्मीद दिलाई थी कि नए साल में सबकुछ समान्य हो जाएगा और लोगों की उम्मीद भी थी कि 30 दिसंबर के बाद हालात सामान्य हो जाएंगे। लेकिन खबरों की मानें तो 30 दिसंबर को पूरे हो रहे 50 दिन के अल्टीमेटम के बाद भी कैश निकासी पर राहत के आसार नहीं दिख रहे हैं, यानी नए साल में भी बैंकों और एटीएम के बाहर लोगों की कतारों में कमी के आसार कम ही दिख रहे हैं।

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सूत्रों की मानें तो बैंक और एटीएम से सीमित कैश निकालने की पाबंदी 30 दिसंबर के बाद भी जारी रहेगा। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि मांग के मुताबिक करेंसी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। सूत्रों की मानें तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में नए नोटों की छपाई मांग के मुताबिक नहीं हो पा रही है।
8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के साथ ही आरबीआई ने कैश निकासी को लेकर नए गाइडलाइन जारी कर दिया था। शुरुआत में एटीएम से हर रोज 2000 रुपये तक निकालने की छूट दी जिसे बाद में बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया गया। वहीं बैंक से हफ्ते में 24 हजार रुपये तक निकालने की छूट है। आज की बात करें तो एटीएम से एक रोज में ढाई हजार रुपये और बैंक से हफ्तेभर में 24000 रुपये निकालने का नियम है।

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