नोटबंदी और भूमि अधिग्रहण कानून से परेशान गुजरात के किसान कर रहे हैं ‘किसान वेदना यात्रा’

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किसान वेदना यात्रा
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दिल्ली: जब से नरेंद्र मोदी दिल्ली की गद्दी संभाले हैं तब से गुजरात में एक के बाद एक आंदोलन हो रहे हैं। भाजपा पहले ही पटेल आंदोलन से परेशान थी अब वहां एक और आंदोलन कामयाबी की सीढियां चढ़ता नजर आ रहा है। जूनागढ़ के किसान पिछले 20 दिन से सोमनाथ से शुरू हुई किसान वेदना यात्रा में 450 किलोमीटर पैदल चले हैं। किसानों की राज्य में बदहाली को लेकर विविध मांगों को लेकर गांधीनगर तक यह यात्रा निकाली गई। किसान नोटबंदी से भी बेहद परेशान हैं। उन्होंने कपास और फलों की खेती की थी लेकिन उसका पैसा नहीं मिला तो नई सीजन की बुवाई पर असर पड़ा है।

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14 दिसम्बर से सोमनाथ से शुरू हुई यात्रा सोमवार को गांधीनगर पहुंची.य़ किसान और आदिवासी अपनी मांगों को लेकर 20 दिन तक पदयात्रा करते हुए गांधीनगर पहुंचे। वे रास्ते में रुककर नाचगान करके आपस में उत्साह भी बढ़ाते रहे।

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