गंगा की सफाई मोदी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है, इसके लिए सरकार ने अलग मंत्रालय बनाया और कई करोड़ का बजट तैयार किया। हालांकि पीएम मोदी की मुहिम का असर अब धीरे-धीरे कुछ शहरों में दिखाना भी शुरू हो गया है।
केंद्र के नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय गंगा सफाई मिशन ने 2154.28 करोड़ रुपये के 26 प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य गंगा नदी में प्रदूषण को कम करना है। प्रोजेक्ट के तहत एनएमसीजी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाएगा और उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड और दिल्ली में सीवेज नेटवर्क का विकास करेगा।
इसके साथ ही यह 188 मिलियन लिटर प्रतिदिन की क्षमता वाला सीवेज ट्रीटमेंट तैयार करेगा और राज्यों में 13 नए एसटीपी बनाएगा। एनएमसीजी दिल्ली, हरिद्वार और वृंदावन में मौजूदा तीन 596 मिलियन लिटर प्रतिदिन की क्षमता वाले एसटीपी को पुनर्स्थापित करेगा।
इसके साथ ही उत्तराखंड में 30 मिलियन लिटर प्रतिदिन की क्षमता वाले 5 एसटीपी में सुधार करेगा। इसके अलावा मिशन ने दिल्ली, हरिद्वार और पटना में 145 किलोमीटर की लंबाई वाले सीवेज नेटवर्क की पांच परियोजनाएं बनाने का निर्णय लिया है।
केन्द्र से यूपी को मिलेंगे 7000 करोड़
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कहा कि केंद्र सरकार गंगा की सफाई के लिए यूपी को नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत 7000 करोड़ रुपये देगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्य को सिंचाई परियोजनाओं के लिए 15 से 20 हजार करोड़ रुपये भी देगी। शनिवार को उमा भारती ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर तमाम मुद्दों पर चर्चा कर कार्ययोजना बनाने के लिए कहा।