तमिलनाडु में मुख्यमंत्री बनने का सपना संजोने वालीं वीके शशिकला बेंगलुरू सेंट्रल जेल में है। आय से अधिक सम्पत्ति मामले में उन्हें चार साल की सजा सुनाई गई है। जेल में उनकी पहचान ना तो AIADMK की सेक्रेट्री के तौर पर होगी और ना ही किसी कद्दावर नेता के तौर पर। अब तो वो एक साधारण कैदी बन चुकी हैं। और आम कैदियों की तरह उनकी पहचान भी एक नंबर के तौर पर होगी। कैदी नंबर 9434…
तीन साल 10 महीने और 27 दिन जयललिता को ये लंबा वक्त शशिकला को जेल में ही गुजारना होगा और जब तक वो जेल में रहेंगी तब तक उनकी पहचान कैदी नंबर- 9434 के रूप में ही होगी।
आम कैदियों की तरह शशिकला को भी जेल में कुछ न कुछ काम करना होगा। जिस बैरक में शशिकला को रखा गया है वहां महिलाएं कैदी अक्सर मोमबत्ती बनाने तका काम करती है। मतलब साफ है जेल में शशिकला भी मोमबत्ती बनाएंगी और इस काम के लिए हर रोज़ उन्हें 50 रुपये दिहाड़ी भी मिलेगी। शायद ये 50 रुपये शशिकला को रुपये की असल कीतम की पहचान बताएंगे। कैसे मेहनत से गरीब एक-एक रुपया कमाता है इसका ऐहसास अब बहुत जल्द शशिकला को भी हो जाएगा। क्योंकि अब वो करोड़ो के घोटाले नहीं कर पाएंगी, अब तो खून पसीने और मेहनत की एक-एक पाई का हिसाब मिलेगा।
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