भारत के सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (28 सितंबर) को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को कथित तौर पर अदालत का निर्देश न मानने के लिए लताड़ लगाई। सुप्रीम कोर्ट बीसीसीआई में सुधार के लिए कोर्ट द्वारा गठित लोढा समिति की सिफारिशों को ठीक से लागू न करने के मामले पर सुनवाई कर रहा था। भारत के मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर वाली खंडपीठ ने लोढा समिति को बीसीसीआई की निगरानी का जिम्मा भी सौंपा था। लोढा समिति ने हाल ही में हाल में अपनी रिपोर्ट उच्चतम अदालत को सौंपी थी। बीसीसीआई को लताड़ लगाते हुए मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने कहा, “बीसीसीआई को लगता है कि वो खुद कानून है। हमें पता है कि आदेश पालन कैसे करवाया जाता है। बीसीसीआई को लगता है कि वो भगवान है। आप (बीसीसीआई) या तो बात मानें या हम मनवा लेंगे। बीसीसीआई का बरताव काफी खराब है।”
जस्टिस ठाकुर ने कहा, “ऐसा लगता है कि बीसीसीआई अदालत के आदेश की अवहेलना तक जा सकता है। हम बोर्ड से ऐसी अवज्ञा की उम्मीद कर रहे थे। हम बीसीसीआई के ऐसे तरीकों की सराहना नहीं करते। हमें अपना पिछला आदेश मनवाने के लिए आदेश देने में कोई हिचक नहीं होगी।” मुख्य न्यायाधीश ठाकुर ने उच्चतम अदालत के आदेश पर अमल न करने पर बीसीसीआई को छह अक्टूबर तक जवाब देने के लिए कहा है।