दिल्ली MCD चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस डावांडोल स्थिति में दिखाई दे रही है। कांग्रेस के दिग्गज नेता अमरिंदर सिंह लवली भी कांग्रेस को अलविदा कह चुके हैं, ऊपर से बरखा सिंह की बगावत ने भी कांग्रेस अलाकमान पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। MCD में हार के बाद तीसरे नंबर पर रही कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने भी इस्तीफा दे दिया है। कुल मिलाकर कहा जाए तो कांग्रेस इस वक्त बुरे दौर से गुजर रही है। इसी के बीच NDTV ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की बड़ी नेता शीला दीक्षित से बातचीत की। इस इंटरव्यू में शीला दीक्षित ने जहां यूपी में समाजवादी पार्टी से गठबंधन को ग़लती बताया और कहा कि कांग्रेस को अपने नेताओं को इज्जत देनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी को सोनिया गांधी की तरह कांग्रेस मुख्यालय में हर दिन कुछ घंटे बिताने चाहिए ताकि वे लोगों से ज्यादा से ज्यादा मिल सकें।
राहुल गांधी को लेकर शीला ने कहा जब सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनी थीं तो वह हर दिन AICC दफ़्तर में 2-3 घंटे वक्त देती थीं। मुझे लगता है कि अगर राहुल गांधी भी ऐसा करें और लोगों से मिलें तो पूरा माहौल बदल सकता है। राहुल जैसे नेता ही ऐसा कर सकते हैं।
सपा गठबंधन पर शीला दीक्षित ने कहा- मुझे पता नहीं क्या हुआ, लेकिन अखिलेश और समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन की ख़बरें आने लगीं। गठबंधन के 10 दिन पहले एक इंटरव्यू में मैंने कहा कि अगर कोई ऐसा गठबंधन हुआ तो मैं इससे अलग रहना चाहती हूं, क्योंकि सीएम के दो उम्मीदवार नहीं हो सकते। मुझे नहीं लगता कि ये एक अच्छा फ़ैसला था, क्योंकि हम सात सीट पर सिमट गए। ये बहुत ही परेशान करने वाली बात है। जिस तरह से हम तैयारी कर रहे थे हमें 50-70 सीटें आने की उम्मीद थी।
आप कह रही थीं कि राजनीति में विनम्रता की कमी हो गई है, लेकिन क्या कांग्रेस में ऐसा ज़्यादा हो रहा है? शीला दीक्षित ने इस सवाल के जवाब पर कहा- हां विनम्रता कम हो गई है, मैं ये मानती हूं। नहीं तो नेता ऐसे पार्टी छोड़कर नहीं जाते। कुछ समय बाद आप सीएम नहीं रहते, मंत्री नहीं रहते लेकिन वह पार्टी के महत्वपूर्ण सदस्य होते हैं, इसलिए उन्हें उतनी तो इज्जत तो मिलनी चाहिए।
क्या आपको पर्याप्त इज़्ज़त मिली है? इस पर शीला दीक्षित ने कहा कि नहीं, पिछले 1-2 साल से ऐसा नहीं हुआ।
एनडीटीवी इंडिया के सौजन्य से खबर