नोटबंदी को लेकर हर तरफ खबरों का बाजार गर्म है। कहीं बैंकों में लंबी कतारों की खबर है तो कहीं एटीएम में कैश न पहुंचने की दिक्कत। 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने के फैसले के 11 दिन बाद भी बैंक और ATM पर लाइनें लगी हैं। कुछ लोग जहां 2000 का नोट हाथ लगने से छुट्टे के चक्कर में परेशान हैं, वहीं दिल्ली के जसोला के रहने वाले इम्तियाज के साथ इसका उल्टा हुआ। 20 हजार रुपये लेने के लिए करीब चार घंटे लाइन में लगने के बाद इम्तियाज को यह रकम मिली तो, लेकिन 10-10 रुपये के सिक्कों के रूप में। लाइन में इतने घंटे खड़े रहने के बाद इम्तियाज के पास ये सिक्के कंधे पर लादकर घर ले जाने के सिवा कोई चारा नहीं था।
इम्तियाज आलम बैंक में अपने अकाउंट से 50,000 रुपये निकलवाने गए थे, लेकिन कैश की कमी के चलते बैंक ने उन्हें 10 के सिक्कों के रूप में 20 हजार रुपये थमा दिए। इनका वजन ही करीब 15 किलो है।
दिल्ली के इम्तियाज ने बताया कि मुझे चेक के जरिए अपने अकाउंट से 50,000 रुपये निकलवाने थे। मेरा अकाउंट जामिया कोऑपरेटिव बैंक में है। मुझे अगले हफ्ते कहीं बाहर जाना है इसलिए मैंने बैंक मैनेजर से विनती की तो उन्होंने कहा कि बैंक में 20,000 रुपये के सिक्के हैं। मुझे लगा कि शायद बैंक मैनेजर ने मजाक किया हो, पर मैं गंभीर था और 20 हजार के सिक्के ले आया।
इन सिक्कों का वजन करीब 15-16 किलो है। बच्चे इन सिक्कों को देखकर बेहद खुश हैं। इम्तियाज ने कहा कि मैं नोटबंदी का समर्थन करता हूं लेकिन इसे सही ढंग से लागू नहीं किया गया।