देश की सबसे बड़ी अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट ने दोषी नेताओं पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। याचिका में एक साल के अंदर केसों की सुनवायी करके दोषी पाए जाने वाले नेताओं पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गयी है।
दोषी लोगों के जिस प्रकार कार्यपालिका और न्यायपालिका में प्रवेश पर रोक है उसी प्रकार ऐसे लोगों के चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध लगाने का केंद्र और चुनाव आयोग से सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति पी सी पंत की पीठ ने सरकार और चुनाव आयोग को याचिका पर नोटिस जारी किया। याचिका में चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता और अधिकतम आयुसीमा निर्धारित करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है। दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता एवं अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में कहा गया है, ‘आतंकवाद और नक्सलवाद के अलावा हमारे देश की सबसे गंभीर समस्या है व्यापक भ्रष्टाचार और राजनीति का अपराधीकरण।’
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