शहाबुद्दीन की रिहाई के खिलाफ विपक्षी पार्टियों ने कल पटना में धरना दिया था और आज पूरे जिला मुख्यालयों में भी धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया है। तमाम विपक्षी दल शहाबुद्दीन की रिहाई के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। और सब मिलकर उसे दोबारा जेल भेजने की मांग कर रहे हैं।
खबर है कि वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण आज सुप्रीम कोर्ट में शहाबुद्दीन की जमानत के खिलाफ याचिका दायर करने जा रहे हैं। प्रशांत भूषण के एक प्रतिनिधि ने बुधवार को तेजाबकांड में मारे गये दो सगे भाइयों के पिता चंदकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू से सीवान में मुलाकात की है।
सूत्रों के मुताबिक शहाबुद्दीन को लेकर सरकार कोई नरमी नहीं बरतेगी हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में अपील करने को लेकर बुधवार को सरकार का कोई भी नुमाइंदा मुंह खोलने को राजी नहीं हुआ।
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सूत्रों के मुताबिक सरकार शहाबुद्दीन को दोबारा जेल भिजवाने के लिए कुछ बिंदुओं पर काम कर रही है – मसलन जेल से छूटने के बाद शहाबुद्दीन ने कहां-कहां कानून का उल्लंघन किया, जमानत रद्द कराने की दलील का यह बड़ा पक्ष होगा।
शहाबुद्दीन के साथ सीवान में पत्रकार राजदेव हत्याकांड के संदिग्ध मो. कैफ की तस्वीर भी सामने आई है। ऐसे सभी बिंदु जमानत रद्द कराने के आधार बन सकते हैं। इस मसले पर कानूनी सलाह के दौरान माना गया है कि जमानत रद्द कराने की गुंजाइश है।
SP ने अपनी रिपोर्ट में कहा- कानून व्यवस्था के लिए खतरा हैं शहाबुद्दीन
सीवान जिला प्रशासन शहाबुद्दीन की जमानत रद्द कराने में जुटा है।
DM महेन्द्र कुमार व SP सौरभ कुमार साह ने राज्य सरकार को इस संबंध में रिपोर्ट दी है।
रिपोर्ट में शहाबुद्दीन को कानून व्यवस्था के लिए खतरा बताया गया है और उनकी जमानत रद्द करने की सिफारिश की गई है।
SP ने बताया कि शहाबुद्दीन को जमानत मिलने के बाद से ही जिले की हर गतिविधि की रिपोर्ट सरकार को सौंपी जा रही है।
शहाबुद्दीन से जुड़े आधा दर्जन केस की सुनवाई रुकी हुई है, इसमें अधिकतर केस अंतिम स्टेज में हैं।
सीवान एसपी ने कहा कि इन केसों में फिर से ट्रायल शुरू करने के लिए सरकार से कहा गया है।
>वीडियो में देखिए जेल से रिहा होने के बाद शहाबुद्दीन की पहली तस्वीरें और बयान
वीडियो सौजन्य एबीपी न्यूज़