जयललिता के निधन के बाद उनकी परछाई के नाम से जानी जाने वाली शशिकला पर सबकी निगाहें टिकी हैं। हालांकि शशिकला को फिलहाल कोई पद या जिम्मेदारी नहीं मिली है।लेकिन अम्मा के बाद उनका पार्टी में क्या कद होना चाहिए ये हर कोई समझ चुका है। बहुत मुमकिन है कि शशिकला ही आने वाले वक्त में पार्टी की सर्वेसर्वा बन जाएं। इस बात के ढके-दबे शब्दों में संकेत भी मिल रहे हैं।
वैसे भी तमिलनाडु की राजनीति में व्यक्तिगत कद हमेशा केंद्र में रहा है। एआईएडीएमके प्रमुख जे. जयललिता के निधन के बाद अब पार्टी में तमाम अटकलों के बीच जयललिता की करीबी शशिकला के आप-पास सत्ता का केंद्र बनते दिख रहा है। मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम और तमाम मंत्री लगातार शशिकला से मिलने पहुंच रहे हैं। मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने गुरुवार को शशिकला के साथ दो घंटे तक चर्चा की, इससे कई तरह के संकेत मिल रहे हैं। शशिकला से मिलने के लिए मुख्मंत्री और मंत्री सभी कतार में दिखे।
पार्टी में शशिकला समर्थकों का दावा है कि वह ‘महासचिव’ पद की ‘स्वाभाविक पसंद’ हैं। जयललिता के बाद पार्टी पर शशिकला के नियंत्रण की चर्चा जोरों पर है। जयललिता पार्टी की जनरल सेक्रेटरी थीं और उनके निधन के बाद यह पद खाली है। पार्टी काउंसिल आने वाले समय में सर्वसहमति से जनरल सेक्रेटरी का चुनाव कर सकती है। हालांकि, राज्य के मंत्रियों और सीएम इस मुलाकात के बाद अपने चैंबर वापस नहीं लौटे। माना जा रहा है कि आज सभी मंत्री काम पर लौट जाएंगे।
गौरतलब है कि जयललिता भी पार्टी महासचिव ही थीं। साल 1971 में पार्टी के गठन से लेकर वर्ष 1987 में अपनी मृत्यु तक उनके राजनीतिक गुरु एमजीआर भी इसी पद पर रहे। और अब अम्मा के निधन के बाद उनकी सबसे करीबी मानी जाने वाली शशिकला को ये कमान सौंपी जा सकती है।