BJP सरकार के 3 साल का रिपोर्टकार्ड: कई मोर्चों पर फेल होने के बावजूद 60% जनता PM मोदी के साथ

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क्रिकेट टीम

26 मई का दिन देश के इतिहास में एक खास तारीख के तौर पर दर्ज हो गया है। बीजेपी के लिए तो ये दिन स्वर्ण अक्षरों में दर्ज किया जाएगा। 26 मई 2014 को नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इसी के साथ भारत में एक नई सरकार का उदय हुआ। आज फिर 26 मई है और आज मोदी सरकार के तीन साल पूरे हो रहे हैं। इस मौके पर केंद्र सरकार ने 26 मई से लेकर 15 जून तक देशभर के 900 शहरों में ‘मोदीफेस्ट’ मनाने का फैसला किया है। इस कार्यक्रम के दौरान बीजेपी देशभर में अपनी तीन साल की उपलब्धियों को गिनवाएगी।

पीएम मोदी ने तीन साल में क्या कुछ बदला इसपर अगल अलग एजेंसियों ने देश के अलग-अलग हिस्सों में सर्वे किया। इस सभी सर्वे रिपोर्टस में ये बात सामने आई कि मोदी को देश के पीएम के तौर पर काफी सराहा गया। हालांकि कश्मीर, महंगाई, महिला सुरक्षा और रोजगार जैसे मुद्दों पर मोदी अपने वादों के मुताबिक खरे नहीं उतर पाए, लेकिन लोगों ने फिर भी माना कि मोदी एक विश्वसनीय, मेहनती, ईमानदार और आक्रामक प्रधनमंत्री है। सबसे बड़ी बात ये है कि 59 फीसदी लोग चाहते हैं कि मोदी ही साल 2019 में दोबारा देश के प्रधानमंत्री बनें।

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चलिए अब हम आपको दैनिक भास्कर और प्रोफेश्नल सर्वे एजेंसी मार्केट सेपियंस की एक रिपोर्ट दिखाते हैं जिसमें पीएम मोदी के तीन साल के कामकाज का पूरा रिपोर्टकार्ड दर्ज है। आखिर तीन साल में किस-किस मोर्चे पर खरी उतरी सरकार और कहां-कहां जनता को हाथ लगी निराशा। इस सर्वे को हम दैनिक भास्कर अखबार के सौजन्य से प्रकाशित कर रहे हैं। आप भी पढ़िए सर्वे की बड़ी और खास बातें –

3 साल में मोदी के सबसे अच्छे काम

  • 83 फीसदी लोग सर्जिकल स्ट्राइक से बेहद खुश
  • नोटबंदी का फैसला सही, 82 फीसदी लोगों ने किया समर्थन
  • लालबत्ती और अफसरशाही पर कसी लगाम, 60 फीसदी लोग मोदी के साथ
  • डिजिटल इंडिया एक बड़ी पहल, यहां भी 60 फीसदी लोगों ने किया मोदी का समर्थन
  • जीएसटी पर भी 57 फीसदी लोगों ने की पीएम मोदी की तारीफ

3 साल में कहां-कहां टूटा जनता का विश्वास

  • नोटबंदी के तरीके से नाराज़ जनता, 52 फीसदी लोगों ने किया नोटबंदी के तरीके का विरोध
  • पाक को लेकर सरकार का रवैया निराशाजनक, 55 फीसदी लोग नाराज़
  • 52 फीसदी लोगों का टूटा भरोसा, देश के युवाओं को नौकरियां देने में पीएम मोदी नाकाम
  • ट्रेनों में फ्लेक्सी किराया लागू कर मोदी ने ढीली की जनता की जेब, 45 फीसदी लोगों ने किया विरोध
  • फेयर एंड लवली स्कीम भी फेल, 38 फीसदी लोगों ने बताया निराशाजनक
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मोदी के भविष्य से जुड़े दो सवाल

  • 91 फीसदी लोग बोले- अगर आज देश में दोबारा चुनाव हों, तो मोदी ही बनेंगे प्रधानमंत्री
  • 59 फीसदी लोगों के अनुसार 2019 में मोदी 2014 से भी ज्यादा सीटों के साथ सत्ता में आएंगे।

दैनिक भास्कर ने ये सर्वे 29 राज्यों, 492 जिलों, 1328 शहरों और 433 गांवों में किया है, जहां जनता से पीएम मोदी के कामकाज को लेकर सवाल पूछे गए हैं। इस दौरान कश्मीर, महंगाई, महिला सुरक्षा और रोजगार जैसे मोर्चों पर सरकार फेल होती नज़र आई।

गौरतलब है कि मोदी सरकार ने देश के 2 करोड़ युवाओं को नौकरियां देने का वादा किया था जो अधूरा रह गया। कश्मीर और नक्सल समस्या को भी देश के लिए एक बड़ी चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है। लाख कोशिशों के बावजूद स्वच्छ भारत अभियान के अच्छे नतीजे सामने नहीं आ पाए। जबकि इस अभियान पर सरकार ने भारी भरकम खर्च किया। उधर एजुकेशन सेक्टर में काम नहीं और पीएम मोदी हेल्थ सेक्टर में भी कड़े कदम उठाने में नाकाम रहे।

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लेकिन बड़ी बात ये है कि कई मोर्चों पर अगर सरकार सफल रही तो कई मोर्चे फतह पर किए। जैसे नोटबंदी सरकार का सबसे हिट फैसला बना, जीएसटी और सोशल सिक्योरिटी पर भी सरकार ने काबिल-ए-तारीफ काम किए। यही वजह है कि जनता का विश्वास आज भी पीएम मोदी पर कायम है।

तीन साल की जबरदस्त पारी खेलने के बाद… मोदी सरकार की तीसरी वर्षगांठ के मौके पर मोदी सरकार ने नया नारा दिया है – “साथ है विश्वास है, हो रहा विकास है।” शुक्रवार को इस स्लोगन को विभिन्य इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, रेडिया पर चलाया जाएगा और साथ ही आज के कई न्यूजपेपर में इसे पब्लिश किया गया है। खुद पीएम मोदी भी इस नारे को पेश करेंगे। इस विज्ञापन के साथ मोदी सरकार ने अपनी तीन साल की कई उपलब्धियां भी गिनाई हैं।