मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला चानू आफ़्सपा के खिलाफ़ 16 सालों का भूख हड़ताल तोड़ेंगी। पिछले महीने उन्होंने कोर्ट को बताया कि वो अपना विरोध मंगलवार को यानी आज ख़त्म करेंगी। मणिपुर में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफ्स्पा) हटाने की मांग लेकर इरोम शर्मिला पिछले 16 सालों से भूख हड़ताल पर बैठीं हैं। भूख हड़ताल खत्म करने के साथ-साथ इरोम ने राजनीति में आने और शादी करने का भी ऐलान किया है।
इरोम ने पश्चिमी इंफाल में चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के कोर्ट अदालत में यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि वह मणिपुर में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ेंगी । 42 साल की इरोम ने बीते 16 सालों से न कुछ खाया है और न पीया है। उन्हें नाक से जबरन आहार दिया जा रहा है।
इरोम ने नवंबर 2000 में सुरक्षा बलों के हाथों 10 नागरिकों की मौत के बाद आफ्स्पा हटाने की मांग करते हुए भूख हड़ताल शुरू की थी। भूख हड़ताल पर बैठने के तीन दिन बाद ही उन्हें मणिपुर सरकार ने खुदकुशी की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था।