उलेमा कांउसिल का सवाल, मुसलमानों से कैसा राष्ट्र प्रेम चाहता है संघ?

0

कानपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत प्रचारकों की वार्षिक बैठक का आज पहला दिन है। 11 जुलाई से 15 जुलाई तक चलने वाली इस बैठक के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत और सर कार्यवाह भैय्या जी जोशी समेत करीब 41 प्रांतों के प्रांत प्रचारक एक दिन पहले ही कानपुर पहुंच गए थे। इस बीच, आरएसएस की बैठक में शामिल होने आए भागवत से आल इंडिया सुन्नी उलेमा काउंसिल ने मिलने का समय मांगा है।
आरएसएस की यह बैठक कानपुर के महाराणा प्रताप इंजीनियरिंग कॉलेज में हो रही है। उलेमा काउंसिल के लोगों ने एक पत्र भी आरएसएस कार्यकर्ताओं को दिया है। इस पत्र के माध्यम से काउंसिल ने आरएसएस प्रमुख से कुछ सवाल भी पूछे हैं। इसमें पहला सवाल है कि आप हम मुस्लिमों से कैसा राष्ट्र प्रेम चाहते है? दूसरा सवाल है कि धर्म परिवर्तन पर आरएसएस का क्या विचार है? उलेमा ने तीसरा सवाल किया है कि आप इस्लाम के बारे में क्या जानते समझते हैं? चौथा सवाल है की आरएसएस क्या देश को हिंदू राष्ट्र बनना चाहता है? काउंसिल के लोगों का कहना है कि हम भागवत जी से मिलकर देश के वर्तमान हालातों पर चर्चा करना चाहते हैं।

इसे भी पढ़िए :   ‘राजनीतिक लाभ’ के लिए भारत की तरफ झुक रहा है अमेरिका’

काउंसिल के सदस्यों को बैठक स्थल के अंदर तो नहीं जाने दिया गया लेकिन उनका पत्र लेकर आरएसएस प्रमुख तक पंहुचा दिया गया है। ऑल इंडिया सुन्नी उलेमा काउंसिल उलेमाओं की वही संस्था है जिसने दो साल पहले कानपुर में बैठक करने आए आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रेश से मुस्लिमों की आरएसएस से दूरी पर दस सवाल पूछे थे। वह मामला काफी चर्चित हुआ था।

इसे भी पढ़िए :  कांग्रेस नेताओं को राष्ट्रहित से नहीं, सिर्फ राजनीतिक से मतलब हैः वेंकैया नायडू

काउंसिल के लोगों का कहना है कि अभी हमें मिलने का समय नहीं दिया गया है। हमसे कहा गया है कि आपका पत्र संघ प्रमुख तक पंहुचा दिया गया है अब आगे आपको फोन करके बता दिया जाएगा। अब देखना यह होगा कि क्या सचमुच आरएसएस प्रमुख आल इंडिया सुन्नी उलेमा काउंसिल से मिलते है या नहीं?

इसे भी पढ़िए :  कर्नाटक के बीजेपी नेता डीएन जीवराज का बयान, 'आरएसएस के खिलाफ गौरी लंकेश नहीं लिखती तो आज जिंदा होती'