नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इनकार की मुद्रा में रहते हुए इस दावे को ‘‘भारत की पुरानी आदत’’ बताया कि उरी हमले के पीछे उनके देश का हाथ है। शरीफ ने पाकिस्तानी पत्रकारों से कहा कि भारत ने उरी स्थित सैन्य शिविर पर हमले के कुछ ही घंटों के भीतर इसके लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहरा दिया। उन्होंने दावा किया कि भारत की ‘‘जल्दबाजी’’ पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
पाक के न्यूज चैनल जियो टीवी ने शरीफ के हवाले से कहा कि ‘ऐसी घटनाओं में जांच में कई दिन और कई सप्ताह का समय लगता है।’ टीवी चैनल ने कहा कि शरीफ ने पाकिस्तान पर आरोप लगाने को ‘‘भारत की पुरानी आदत’’ बताया। उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत ने अपने आरोपों को साबित करने के लिए कभी कोई सबूत मुहैया नहीं कराया।
शरीफ का यह दावा भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को राजधानी दिल्ली में विदेश मंत्रालय तलब किए जाने के एक दिन बाद आया है। बासित को बताया गया कि भारत के पास ऐसे सबूत हैं जो उरी हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों की संलिप्तता दिखाते हैं और मांग की गई कि पाकिस्तान इस देश के खिलाफ निर्देशित आतंकवाद का समर्थन एवं उसे प्रायोजित करना बंद करे।
शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान पर आरोप मढ़ने की बजाय भारत को अपने ‘अत्याचार’ बंद करने चाहिए। उन्होंने दावा किया कि भारत कश्मीर में ‘मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघनों’ में शामिल है।
पाक पीएम ने कहा कि ‘‘पिछले ढाई महीने में कश्मीर में 108 लोगों को शहीद कर दिया गया और भारत पाकिस्तान पर आरोप लगा रहा है।’ पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार शरीफ ने कहा कि उन्होंने अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, सउदी अरब, जापान, तुर्की और कुछ अन्य देशों के नेतृत्व को कश्मीर में ‘मानवाधिकारों की गंभीर स्थिति’ के बारे में सूचित किया है और ‘उन सभी ने पाकिस्तान का पक्ष समझने का प्रयास किया।’
उन्होंने कहा कि तुर्की ने एक तथ्यान्वेषी दल कश्मीर भेजने का वादा किया है, जबकि ऐसी ही प्रतिक्रिया आर्गेनाइजेशन आफ इस्लामिक कंट्रीज द्वारा दी गई।